Homeप्रदेशसीधी में मनाया गया सुमंगल साइकिल दिवस, अधिकारी साइकिल से पहुंचे दफ्तर

सीधी में मनाया गया सुमंगल साइकिल दिवस, अधिकारी साइकिल से पहुंचे दफ्तर

सीधी।
पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने की दिशा में रीवा संभाग के कमिश्नर बी.एस. जामोद की अनूठी पहल का असर अब सीधी जिले में भी दिखने लगा है। कमिश्नर ने सभी जिलों के अधिकारियों से अपील की थी कि हर मंगलवार को स्वेच्छा से साइकिल का उपयोग करें और दफ्तर तक पहुंचें। इसी के चलते मंगलवार को जिले के प्रशासनिक अमले ने ‘सुमंगल साइकिल दिवस’ मनाते हुए साइकिल और अन्य वैकल्पिक साधनों से कार्यालय पहुंचकर इस मुहिम में अपनी भागीदारी दर्ज कराई।

अधिकारियों का सामूहिक संकल्प

सीधी जिले में आयोजित इस अभियान के दौरान अपर कलेक्टर बी.पी. पांडेय, उपखंड अधिकारी (गोपद बनास) राकेश शुक्ला सहित कई विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी साइकिल से चलकर जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे, जहां जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। कार्यालय पहुंचने पर अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी उनका स्वागत किया और सामूहिक रूप से पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया।

ई-रिक्शा और साझा वाहन का उपयोग

केवल साइकिल ही नहीं, बल्कि कई कर्मचारियों ने ई-रिक्शा और साझा वाहनों का उपयोग भी किया। इससे न केवल प्रदूषण कम हुआ बल्कि यातायात पर भी सकारात्मक प्रभाव देखा गया। लोगों का कहना था कि यदि हर सप्ताह एक दिन भी इस तरह साइकिल और वैकल्पिक साधनों से सफर किया जाए तो जिले में प्रदूषण स्तर को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

उपखंड स्तर पर भी सहभागिता

सीधी जिले के अलावा उपखंड स्तर पर भी इस अभियान में अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साह दिखाया। विभिन्न तहसीलों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी कार्यालय आने के लिए साइकिल और अन्य विकल्पों का उपयोग करते नजर आए। ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने इस कदम की सराहना की और कहा कि यदि अधिकारी इस तरह से उदाहरण प्रस्तुत करेंगे तो समाज में संदेश और तेजी से फैलेगा।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम

आज प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में स्थानीय स्तर से शुरू हुई यह छोटी-सी पहल दूरगामी प्रभाव डाल सकती है। यदि हर नागरिक सप्ताह में एक दिन भी निजी वाहन का उपयोग कम कर दे और साइकिल या सार्वजनिक साधनों को अपनाए तो वायु प्रदूषण और ईंधन की खपत दोनों में भारी कमी आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ऊर्जा संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक बचत भी संभव है।

नागरिकों की प्रतिक्रिया

सीधी के नागरिकों ने भी इस पहल की प्रशंसा की। कई लोगों का कहना था कि आजकल व्यस्त जीवनशैली के कारण लोग शारीरिक गतिविधियों से दूर हो गए हैं। यदि साइकिल दिवस जैसे प्रयास नियमित रूप से होते रहें तो लोग व्यायाम के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान दे सकेंगे।

भविष्य की दिशा

जिला प्रशासन का कहना है कि आने वाले समय में इस अभियान को और व्यापक बनाया जाएगा। स्कूल-कॉलेज के छात्रों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों को भी इससे जोड़ा जाएगा ताकि यह केवल सरकारी कार्यक्रम न रहकर सामाजिक आंदोलन का रूप ले सके।

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रीवा संभाग से शुरू हुई सुमंगल साइकिल दिवस की यह परंपरा अब सीधी जिले में भी मजबूती से पैर जमा रही है। अधिकारियों का मानना है कि यदि यह पहल निरंतर जारी रही और इसमें आम नागरिक भी शामिल हुए तो पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य संवर्धन की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।

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