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सीधी :- सड़क पुलिया और तालाब के निर्माण में की गई घोर अनियमितता RES विभाग की लापरवाही उजागर

सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त करने का सरकार का दवा और प्रयास सीधी जिले में साबित हो रहा है बेअसर

क्या है पूरा मामला

सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त करने का सरकार का दावा और प्रयास मध्य प्रदेश के सीधी जिले में बेसर साबित हो रहा है सरकार के शख्स निर्देश के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी घोटाला करने से बाज नहीं आ रहे हैं ताजा मामला जिला मुख्यालय सीधी अंतर्गत सीधी विधानसभा के जनपद क्षेत्र सीधी ग्राम पंचायत पिपरोहर का है जहां पर सड़क निर्माण तथा पुड़िया निर्माण में लाखों के वारे न्यारे ग्रामीण अभियंत्रण विभाग अधिकारियों द्वारा किया गया इसका खुलासा उसे समय हुआ जब सीधी विधानसभा क्षेत्र की विधायक रीति पाठक द्वारा निरीक्षण किया गया निरीक्षण में पाया गया की पुल निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया खराब क्वालिटी के बालू तथा सबसे सस्ती सीमेंट का उपयोग किया गया इसके अलावा सीमेंट बालू का अनुपात भी ठीक नहीं था जिसके परिणाम स्वरूप पूरी पुल में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जो कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं |

सीधी स्थानीय लोगो का दर्द

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह रोड उनके लिए मौत का कुआं बनके रह गई है क्योंकि यह कब किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे देगी इसकी कोई गारंटी नहीं है साथ ही साथ बरसात के समय इसमें पूरी तरीके से आवागमन बंद हो जाता है । अब देखना होगा कि स्थानीय विधायक रीति पाठक द्वारा इस पर किस प्रकार का एक्शन लिया जाता है हालांकि स्थानीय विधायक रीति पाठक द्वारा इस पूरे मुद्दे में जुड़े हुए अधिकारी कर्मचारी को फटकार लगाते हुए यह निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करें कि कहां-कहां क्या-क्या कमी रही लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि ऐ भ्रष्टाचार आखिर कब तक चलता रहेगा और बड़े ठेकेदार एवं अधिकारी भ्रष्टाचार करके ग्रामीणों के और स्थानीय लोगों की जान जोखिम में डालते रहेंगे |

1 नहीं कई काम चढ़ गए भ्रष्टाचार (Corruption)की भेंट

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सीधी जिले में आरईएस विभाग (RES Department) द्वारा कराए गए निर्माण कार्य भ्रष्टाचार (Corruption)की भेंट चढ़ गए हैं. निर्धारित प्राक्कलन के आधार पर कार्यों के न होने के चलते पहली बरसात भी नहीं झेल पाए हैं. आधे से अधिक निर्माण कार्य 1 साल बाद ही जवाब दे दिए हैं.

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