सीधी जिले के समीप स्थित सतनरा कोठार गांव में परिहार ट्रेडर्स पर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की इंदौर क्षेत्रीय इकाई ने छापेमारी कर करोड़ों रुपये बरामद किए हैं। इनकम टैक्स विभाग अब इस राशि की जांच कर रहा है कि इतनी बड़ी रकम का स्रोत क्या है।
करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा
22 नवंबर को डीजीजीआई की टीम ने परिहार ट्रेडर्स, जिसके मालिक नीतेश सिंह परिहार हैं, पर कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान टीम को फर्म के बैंक खातों में लगभग 58.61 करोड़ रुपये की भारी राशि मिली। यह राशि बिना किसी वैध दस्तावेज या हिसाब-किताब के पाई गई।
बैंक खाते और संपत्ति जब्त
जांच में सामने आया कि परिहार ट्रेडर्स का जीएसटी नंबर 23GOPP3654D1ZC है। टीम ने बैंक खातों को छह महीने के लिए ब्लॉक कर दिया है, और इस संपत्ति को इनकम टैक्स विभाग ने जब्त कर लिया है। विभाग अब यह जांच कर रहा है कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई और इसे कैसे अर्जित किया गया।
शहर में हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद जिले भर के व्यापारिक समुदाय में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि शहर और जिले में कई ऐसे व्यापारी हैं जिनके खातों में बेनामी संपत्ति जमा है। जीएसटी और अन्य करों की चोरी जिले में बड़ी समस्या बन चुकी है।
जांच और आगे की कार्रवाई
इस मामले में इनकम टैक्स विभाग ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि नितेश सिंह परिहार के पास इतनी बड़ी रकम के स्रोत का कोई प्रमाण नहीं है। यदि दोष सिद्ध होता है, तो यह मामला बड़े कर चोरी मामलों में से एक हो सकता है।
जीएसटी चोरी के मामलों में बढ़ोतरी
सीधी जिले में जीएसटी चोरी के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि विभागीय स्तर पर छापेमारी और कार्रवाई हो रही है, लेकिन व्यापारी कर चोरी के नए-नए तरीके अपनाते हुए पकड़ में आने से बचते रहे हैं।
शहर के अन्य व्यापारियों पर भी नजर
सूत्रों के मुताबिक, सीधी शहर में कई बड़े व्यापारी हैं जो जीएसटी चोरी में संलिप्त हैं। हालांकि, उन पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। परिहार ट्रेडर्स पर हुई इस कार्रवाई के बाद उम्मीद है कि विभाग अब अन्य संदिग्ध व्यापारियों पर भी शिकंजा कसेगा।
जिला प्रशासन और नागरिकों की प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कर चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है। वहीं, स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बड़े व्यापारियों की ऐसी गतिविधियां सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिससे विकास कार्यों पर भी प्रभाव पड़ता है।
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सतनरा कोठार में हुई यह कार्रवाई न केवल जिले में कर चोरी के खिलाफ एक बड़ा कदम है, बल्कि यह अन्य करचोर व्यापारियों के लिए भी चेतावनी है। अब देखना यह होगा कि इनकम टैक्स विभाग इस मामले की जांच में क्या खुलासे करता है और भविष्य में जिले में कर चोरी रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।