नई दिल्ली, 11 नवंबर 2024 – सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कड़ा सवाल करते हुए दिवाली पर पटाखों पर बैन को लेकर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर बैन केवल “आईवॉश” (सिर्फ दिखावा) साबित हो रहा है, और दिल्ली पुलिस को इस पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा, “क्या किसी को प्रदूषण फैलाने का मौलिक अधिकार है?” और सवाल उठाया कि केवल दिवाली के दौरान ही क्यों, शादियों और चुनाव जीतने के समय भी पटाखे जलाए जाते हैं, उन पर पुलिस ने क्या कार्रवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध पूरे साल के लिए लागू होना चाहिए।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए, ताकि पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध का पूरी तरह से पालन किया जा सके। कोर्ट ने कहा कि कमिश्नर को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और पटाखों की ऑनलाइन बिक्री को भी बंद करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा, “क्या दिल्ली पुलिस यह दावा कर रही है कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया गया है?” कोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि पुलिस ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया, और जो पटाखे जब्त किए गए, क्या वे असली पटाखे थे या उनका कच्चा माल?
धर्म और प्रदूषण
कोर्ट ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि “कोई धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता”, और यह एक स्वास्थ्य के अधिकार का मामला है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से आग्रह किया कि वह पूरे साल पटाखों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करे और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इस मुद्दे पर प्राइवेट हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए।
सरकारी कार्रवाई पर सवाल
यह मामला तब सामने आया जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिवाली के आसपास लगातार बढ़ता जा रहा है, और प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार के कदमों पर सवाल उठने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश दिल्ली पुलिस के लिए एक कड़ा संदेश है, कि वह केवल दिवाली के समय ही नहीं, बल्कि पूरे वर्ष भर प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए।

अब देखना यह होगा कि दिल्ली पुलिस इस आदेश के बाद क्या कदम उठाती है और क्या पूरे साल के लिए पटाखों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाते हैं।
यह भी पढ़ें:- IIT Kanpur और SATHEE ऐप द्वारा JEE Mains 2025 की मुफ्त क्रैश कोर्स शुरुआत, 45 दिन का कोर्स होगा उपलब्ध