बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी की पहली पुण्यतिथि पटना के रवींद्र भवन में पूरे सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर उनकी पत्नी ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से सक्रिय राजनीति में कदम रखने का संकेत दिया।
पहली बार सार्वजनिक बयान
कार्यक्रम में पहली बार सार्वजनिक रूप से बोलते हुए उन्होंने कहा, “मैं चुनाव लड़ सकती हूं, लेकिन निर्णय पार्टी को लेना है।” इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
भाजपा के अंदर मंथन
भाजपा के भीतर इस बयान को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, सुशील कुमार मोदी की पत्नी के चुनाव लड़ने के संकेत को शीर्ष नेतृत्व गंभीरता से ले रहा है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सुशील मोदी के निधन के बाद उनकी पत्नी का राजनीति में प्रवेश भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। पार्टी नेतृत्व को यह तय करना होगा कि उन्हें किस भूमिका में आगे लाया जाए।
आगामी विधानसभा चुनाव पर प्रभाव
बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को नए चेहरों की आवश्यकता है। यदि सुशील कुमार मोदी की पत्नी चुनाव लड़ती हैं, तो यह पार्टी के लिए सहानुभूति और समर्थन जुटाने का एक अवसर भी हो सकता है।
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पार्टी के निर्णय का इंतजार है, लेकिन यह स्पष्ट है कि सुशील कुमार मोदी की पत्नी का राजनीति में आने का संकेत भाजपा की आगामी रणनीति को प्रभावित कर सकता है।