सेमरिया: सेमरिया रामगढ़ बाईपास के निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ जिला कार्य समिति सदस्य रामसजीवन गुप्ता ने पूर्व विधायक और वर्तमान सेमरिया सरपंच सुरेश पांडे पर आरोप लगाया है कि उन्होंने विभागीय साठगांठ से बाईपास के सर्वे में हेरफेर कराई है।
ग्रामीणों का पक्ष
स्थानीय निवासी राम सजीवन गुप्ता का कहा है कि अगर बाईपास का निर्माण दूसरे नंबर के सर्वे के अनुसार किया जाता है, तो सैकड़ों लोगों को रास्ता मिल जाएगा और लागत भी कम आएगी. उन्होंने यह भी बताया कि तीसरे नंबर का सर्वे, जिसे सुरेश पांडे द्वारा कराया गया है, न केवल सरकार की लागत बढ़ाएगा, बल्कि बाईपास की दूरी भी बढ़ जाएगी. इससे सेमरिया का जाम खत्म नहीं होगा और ग्रामीणों को इसका कोई फायदा नहीं होगा.
विकास के रास्ते की चिंता
स्थानीय निवासी राजबाहोर साकेत और जोखाई केवट का मानना है कि अगर बाईपास फार्म होकर निकाला जाता है तो लोगों का विकास नहीं हो पाएगा। वहीं, विश्वनाथ केवट ने कहा कि बाईपास का निर्माण वर्तमान में लोगों की जरूरतों को देखकर ही किया जाना चाहिए।
सरकारी अधिकारियों को सूचित
राम सजीवन गुप्ता ने यह भी बताया कि इस मामले से वर्तमान सांसद और विधायक को अवगत कराया गया है। रामगढ़ सरपंच सीताराम बहेलिया का कहना है कि सर्वे नंबर दो के आधार पर ही बाईपास का निर्माण किया जाना उचित होगा।
विरोध प्रदर्शन
जब ग्रामीणों को पता चला कि मीडिया इस मामले की पूछताछ कर रही है, तो सैकड़ों की संख्या में लोग विरोध जताने पहुंचे। विरोध करने वालों में बुद्धिमान केवट, विजय केवट, वनस्पति सिंह बरगाही, धर्मराज सिंह बरगाही, पंचू बहेलिया, बैजनाथ केवट, महेश केवट, लालू केवट, रामनरेश केवट, विजय केवट, देवी दयाल केवट, पवन रजक, सोमनाथ कुशवाहा, रघुवर, मिथिला विश्वकर्मा, रामायण कुशवाहा, मानसिंह केवट, जयलाल कुशवाहा, राजेश विश्वकर्मा, माधव कुशवाहा, जितेश कुशवाहा और अन्य कई ग्रामीण शामिल थे। उनका कहना है कि बाईपास का निर्माण दूसरे नंबर के सर्वे के हिसाब से किया जाएगा तो सैकड़ों लोगों का हित हो जाएगा और सेमरिया रामगढ़ बाईपास की लागत और दूरी भी घटेगी।https://youtu.be/1Xt70MeZpy8?si=lwmzVQg-Wep242tB
प्रशासन की चुनौती
यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या निर्णय लेता है और ग्रामीणों की मांगों का किस तरह से समाधान करता है. सेमरिया रामगढ़ बाइपास को लेकर उठे इस विवाद ने सरकार और प्रशासन के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है. अधिक जानकारी के लिए इस विडियो को देखे https://youtu.be/1Xt70MeZpy8?si=lwmzVQg-Wep242tB