सीधी, मध्यप्रदेश – भारी बारिश के चलते उफनाई सोन नदी में सोमवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। जिले के जोगदहा घाट पर करीब 25 गोवंश (गाय-बैल) नदी के बीच फंस गए, जिनकी जान बचाने के लिए एसडीईआरएफ (SDERF) और होमगार्ड की टीमों ने लगभग 6 घंटे का सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस दौरान टीम ने जोखिम उठाकर नदी पार कर सभी पशुओं को सुरक्षित बाहर निकाला।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह ग्रामीणों ने देखा कि कई गोवंश सोन नदी के बीच छोटे टापू जैसी जगह पर फंसे हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर और बहाव के कारण उनकी जान को खतरा था। ग्रामीणों की सूचना के बाद प्रशासन हरकत में आया और SDERF तथा होमगार्ड की टीम को मौके पर रवाना किया गया।
जोखिम भरा था पूरा इलाका
सोन नदी का जोगदहा घाट क्षेत्र वैसे भी संवेदनशील माना जाता है। यह इलाका सोन घड़ियाल अभ्यारण्य में आता है, जहां मगरमच्छों और घड़ियालों की भारी मौजूदगी रहती है। साथ ही नदी के अंदरूनी हिस्सों में कई जगह नुकीली चट्टानें और तेज बहाव भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की मोटरबोट या नाव चलाना भी मुश्किल था।
इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में जवानों ने रोप लेडर, रस्सियों और सुरक्षात्मक जैकेटों की मदद से नदी में उतरकर गोवंशों को एक-एक करके सुरक्षित किनारे पहुंचाया। इसके बाद टीम के सभी सदस्यों को भी पुल के ऊपर खींचकर निकाला गया।
एक बछड़ा नदी में फंसा मिला, उसे भी बचाया गया
रेस्क्यू के दौरान एक छोटा बछड़ा नदी की चट्टानों के बीच फंसा हुआ मिला, जिसे जवानों ने सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला। इसके बाद टीम ने नदी के पूरे क्षेत्र और आसपास के जंगल-पहाड़ियों को भी सर्च ऑपरेशन के जरिए चेक किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई अन्य गोवंश हताहत न हो।

टीम को राहत मिली जब किसी भी गोवंश के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई। कई जानवरों को नदी पार चरते हुए और कुछ को पहाड़ी पर ऊपर चढ़ते हुए भी देखा गया। कुल मिलाकर, इस अभियान में सभी गोवंशों को सुरक्षित बचा लिया गया, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
प्रशासन रहा सतर्क
इस ऑपरेशन में राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की टीम भी मौके पर मौजूद रही और आवश्यक सहयोग दिया। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए आसपास के गांवों को भी अलर्ट किया है, ताकि आगे किसी और अप्रिय घटना से बचा जा सके।
SDERF और होमगार्ड की टीम की त्वरित कार्रवाई, सूझबूझ और बहादुरी की पूरे इलाके में तारीफ हो रही है।
स्थानीय लोगों ने जताया आभार
इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ग्रामीणों और पशुपालकों ने राहत की सांस ली और प्रशासन का आभार व्यक्त किया। कई लोगों ने कहा कि यदि समय पर यह रेस्क्यू न होता तो कई जानवरों की जान जा सकती थी।
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इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आपदा की स्थिति में अगर प्रशासन और बचाव एजेंसियां तत्परता से काम करें, तो किसी भी बड़ी घटना को रोका जा सकता है। सोन नदी में गोवंशों का सुरक्षित रेस्क्यू प्रशासन की गंभीरता और टीमवर्क का उत्कृष्ट उदाहरण है।