हावड़ा, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी के दिन रैली निकालने को लेकर विवाद गहरा गया था। पुलिस प्रशासन ने हिंदू संगठनों को रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद दोनों संगठनों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया। अब कोर्ट ने 04 अप्रैल को दोनों संगठनों को रामनवमी पर रैली निकालने की सशर्त परमिशन दे दी है।
कोर्ट ने लगाई शर्तें
हाई कोर्ट ने रैली की अनुमति तो दी, लेकिन कई शर्तें भी लागू की। कोर्ट ने कहा कि रैली शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जानी चाहिए। साथ ही रैली के दौरान किसी भी प्रकार के हथियार, लाठी, या शस्त्र का उपयोग नहीं किया जाएगा। हालांकि, झंडे और प्लास्टिक का गदा ले जाने की अनुमति दी गई है, जिसे अंजनीपुत्र सेना ने मांगा था।
इसके अलावा, रैली के दौरान जुलूस के आगे और पीछे पुलिस की तैनाती होगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि रैली का समापन 12 बजे तक हर हाल में करना होगा। रैली में शामिल होने वाले लोगों को अपने दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटोकॉपी पुलिस के पास जमा करनी होगी। इन दस्तावेजों को हावड़ा के सेंट्रल डिविजन के पुलिस उपायुक्त के पास सौंपा जाएगा।

हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुना और इसके बाद रैली की अनुमति दी। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह अपनी रिपोर्ट अगले बुधवार तक पेश करे।
रैली में भाग लेने वाले संगठनों, अंजनीपुत्र सेना और विश्व हिंदू परिषद, को यह शर्तें लागू होंगी। दोनों संगठन लंबे समय से रामनवमी के अवसर पर रैलियां निकालते आ रहे हैं, लेकिन रूट अलग-अलग होते हैं। विश्व हिंदू परिषद की रैली बीई कॉलेज के गेट नंबर एक से शुरू होकर रामकृष्णपुर घाट तक जाती है, जबकि अंजनीपुत्र सेना की रैली नरसिम्हा मंदिर से होते हुए हावड़ा मैदान पर समाप्त होती है।
गिरिराज सिंह का बयान
इस फैसले पर खुशी जताते हुए भा.ज.पा. नेता गिरिराज सिंह ने कहा, “बंगाल में अब रामनवमी पर धूमधाम से शोभा यात्रा निकाली जाएगी। बंगाल की धरती पर गूंजेगा ‘जय श्री राम’।”
साथ ही, उन्होंने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा:-
“माननीय उच्च न्यायालय ने हमारे धार्मिक अधिकारों और आस्थाओं की रक्षा की है और इससे ममता बनर्जी द्वारा रची गई तालिबानी साजिश ध्वस्त हो गई है। यह आस्था की जीत है, हिंदू संस्कृति की जीत है।”
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यह फैसला पश्चिम बंगाल में रामनवमी की रैलियों के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। हिंदू संगठनों के लिए यह एक बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि लंबे समय से उन्हें रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं मिल रही थी। अब कोर्ट की शर्तों के तहत ये रैलियां शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जा सकेंगी।