MP News मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह आखिरकार 17 दिन बाद अपने विधानसभा क्षेत्र में सार्वजनिक रूप से नजर आए। वे खंडवा जिले के खालवा थाना क्षेत्र में हुई आदिवासी महिला के गैंगरेप और हत्या की वारदात के बाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।
क्या है मामला
24 मई 2025 को खंडवा के खालवा थाना क्षेत्र में एक आदिवासी महिला के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य वारदात के बाद से क्षेत्र में भारी आक्रोश था और लोग मंत्री विजय शाह की चुप्पी पर सवाल उठा रहे थे। खास बात यह रही कि मंत्री अपने ही विधानसभा क्षेत्र (हरसूद) के इस गंभीर मामले पर अब तक मौन थे और सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए।
पीड़िता के घर पहुंचे विजय शाह
सोमवार को मंत्री विजय शाह अचानक पीड़िता के घर पहुंचे। उनके साथ पत्नी और पूर्व महापौर भावना शाह भी थीं। उन्होंने परिवार को 60 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी और घर की छत के लिए टीनशेड की व्यवस्था कराने की घोषणा भी की।
विपक्ष पहले ही पहुंच चुका था
इससे पहले कांग्रेस के कई नेता, आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राहुल गांधी खुद पीड़िता के परिवार से फोन पर बात कर चुके हैं। कांग्रेस ने सवाल उठाया था कि जब पूरा देश इस घटना को लेकर दुखी है, तो स्थानीय मंत्री विजय शाह अब तक चुप क्यों हैं?
17 दिनों से क्यों थे ‘लापता’
दरअसल, विजय शाह एक विवादित बयान के बाद से सार्वजनिक जीवन से गायब थे।
11 मई 2025 को इंदौर जिले के महू में एक सभा में बोलते हुए उन्होंने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि “मोदी जी ने हमारी बहनों का बदला लेने के लिए उनकी ही समाज की बहन को भेजा…” — यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और विवाद का केंद्र बन गया।

इस बयान के बाद:
- राज्य और देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए।
- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया।
- मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
- कांग्रेस ने विजय शाह को ‘लापता मंत्री’ बताते हुए पोस्टर भी लगाए।
सवाल अब भी बाकी हैं
मंत्री के अचानक दिखने और संवेदना जताने से सवाल खत्म नहीं हुए हैं।
लोग पूछ रहे
विजय शाह का 17 दिन बाद सामने आना, वह भी अपने ही क्षेत्र में एक गंभीर अपराध के बाद, कई सवालों को जन्म दे रहा है। उनकी चुप्पी, विवादित बयान और फिर अचानक पीड़ित परिवार के बीच पहुंचना — यह सब जनता की नजरों में संदिग्ध लग रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में न्याय और जवाबदेही कितनी दूर तक जाती है।
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