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48 घंटे में पुलिस ने ढूंढ निकाली गुमशुदा नाबालिग, पीथमपुर से सकुशल बरामद

सीधी, मध्य प्रदेश।
जिले की सेमरिया थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए मात्र 48 घंटे के भीतर गुमशुदा नाबालिग किशोरी को बरामद कर उसके परिजनों को सकुशल सौंप दिया। इस त्वरित कार्रवाई से क्षेत्र में पुलिस प्रशासन के प्रति आम जनता का विश्वास और भी मजबूत हुआ है।

रिपोर्ट के बाद पुलिस हुई एक्टिव

मामला 21 जुलाई 2025 का है, जब सेमरिया थाना क्षेत्र के एक निवासी ने थाना में आकर शिकायत दर्ज कराई कि उसकी नाबालिग बेटी अचानक घर से गायब हो गई है। परिजनों ने पहले खुद हर संभव प्रयास कर आसपास व रिश्तेदारों में खोजबीन की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस की शरण ली।

परिजनों की चिंता और मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज कर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी।

पुलिस अधीक्षक के निर्देश में चला ऑपरेशन

सीधी पुलिस अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद श्रीवास्तव और एसडीओपी आशुतोष द्विवेदी के निर्देशन में थाना प्रभारी उप निरीक्षक केदार परौहा ने एक टीम गठित की। तकनीकी विश्लेषण और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से तेजी से जानकारी जुटाई गई।

टीम ने जिस तत्परता से काम किया, वह काबिले तारीफ रहा। मोबाइल लोकेशन, सोशल मीडिया एक्टिविटी और अन्य डिजिटल साधनों के माध्यम से नाबालिग की लोकेशन पीथमपुर (जिला धार) में ट्रेस हुई।

सुरक्षित बरामदगी और परिजनों को सौंपा गया

लगातार 48 घंटे तक प्रयास करने के बाद पुलिस ने किशोरी को पीथमपुर से बरामद कर लिया। यह पूरी कार्रवाई संवेदनशीलता और गोपनीयता के साथ की गई। बरामदगी के बाद किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराया गया और फिर उसे परिजनों के सुपुर्द किया गया।

48 घंटे में पुलिस ने ढूंढ निकाली गुमशुदा नाबालिग, पीथमपुर से सकुशल बरामद

परिजनों ने पुलिस की इस तेजी और संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि “पुलिस ने हमारी उम्मीद से भी अधिक तत्परता से कार्य किया और हमारी बेटी को सुरक्षित घर वापस लाया।”

टीम के सदस्यों की सराहना

इस कार्रवाई में कई पुलिस कर्मियों और साइबर सेल की सक्रिय भागीदारी रही। उल्लेखनीय भूमिका निभाने वालों में शामिल हैं:

  • उप निरीक्षक केदार परौहा (थाना प्रभारी)
  • सहायक उप निरीक्षक टी.डी. रावत
  • प्रधान आरक्षक मनमोहन सिंह
  • आरक्षक जगदीश टांडिया
  • साइबर सेल की तकनीकी टीम

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महिला-बाल सुरक्षा में पुलिस की गंभीरता

यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि सीधी पुलिस महिला और बाल सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामलों में पूरी गंभीरता से कार्य करती है। प्रशासन की सजगता और तकनीकी दक्षता से न केवल पीड़ित परिवार को राहत मिली बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी गया।

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