झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा चलाई जा रही ‘मंईयां सम्मान योजना’ में महिलाओं की एक कैटेगरी बनाई गई है, जो इस योजना की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रही हैं। ऐसी महिलाओं के नाम लाभार्थियों की सूची से हटा दिए जाएंगे।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जाती हैं, जिनके लिए फंड निर्धारित किया जाता है। झारखंड सरकार ने बताया कि उनके राज्य में महिलाओं के लिए चलाई जा रही ‘मंईयां सम्मान योजना’ के लिए फंड खत्म हो गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दावा है कि यह योजना बिना किसी बाधा के जारी रहेगी। उन्होंने झारखंड के एसटी (ST), एससी (SC) और पिछड़ा कल्याण मंत्री चमरा लिंडा से 11 फरवरी को वादा किया कि इस योजना को बंद नहीं किया जाएगा।
क्या है ‘मंईयां सम्मान योजना’?
झारखंड सरकार की यह योजना मुख्य रूप से महिलाओं के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च वहन कर सकें।

संस्कृति का ध्यान रखें आदिवासी समुदाय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नागरिकों से बात करते हुए कहा, “पूर्वजों से विरासत में मिली संस्कृति का ध्यान रखें, इसे बचाएँ और बढ़ावा दें, क्योंकि यही संस्कृति आदिवासी समुदाय की पहचान है।” ‘मंईयां सम्मान योजना’ विशेष रूप से माताओं की आर्थिक मदद के लिए चलाई गई योजना है।
यह भी पढ़िए:- राज्य के सरकारी कर्मचारियों को चार दिवसीय लंबा सप्ताहांत
इन महिलाओं का कटेगा नाम
जांच के दौरान जिन महिलाओं के खाते में ‘मंईयां सम्मान योजना’ के साथ-साथ विधवा या महिला सम्मान योजना की राशि भी जमा हो रही है, उन्हें चिन्हित कर सूची से हटाया जाएगा। यदि किसी एक खाते में एक से अधिक ‘मंईयां सम्मान योजना’ की राशि जमा हो रही हो, तो उन महिलाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।