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ED ने पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता के 17 ठिकानों पर मारा छापा: बिहार की राजनीति में उथल-पुथल

पटना, 10 जनवरी 2025 – बिहार की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को पूर्व मंत्री और राजद नेता आलोक कुमार मेहता के 17 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई वैशाली सहकारी बैंक में घोटाले के मामले में की गई है। ईडी की टीम ने पटना, हाजीपुर, कोलकाता, वाराणसी और दिल्ली में एक साथ छापेमारी कर दस्तावेज़ों की जांच शुरू की है।

वैशाली सहकारी बैंक घोटाले का मामला

ईडी की यह कार्रवाई वैशाली सहकारी बैंक में हुए 85 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ी है। सूत्रों के मुताबिक, बैंक लोन में अनियमितताओं और करोड़ों के लेन-देन की गड़बड़ी को लेकर यह जांच की जा रही है। RBI की रिपोर्ट के आधार पर हाजीपुर में तीन प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी, जिसके बाद ED ने यह बड़ी कार्रवाई शुरू की।

ED :- किन जगहों पर हुई छापेमारी?

ED ने आलोक कुमार मेहता के पटना स्थित सरकारी और निजी आवास सहित कुल 17 ठिकानों पर छापा मारा। पटना और हाजीपुर में 9, कोलकाता में 5, वाराणसी में 2, और दिल्ली में 1 स्थान पर जांच जारी है। छापेमारी के दौरान ED की टीम ने वित्तीय लेन-देन से जुड़े कई अहम दस्तावेज़ों को जब्त किया है।

आलोक कुमार मेहता पर आरोप

आलोक कुमार मेहता, जो बिहार की महागठबंधन सरकार में सहकारिता मंत्री रह चुके हैं, पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी जांच चल रही है। आरोप है कि उन्होंने सहकारी बैंक के माध्यम से बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की हैं। इसके अलावा, करोड़ों के घोटाले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।

कौन हैं आलोक कुमार मेहता?

3 नवंबर 1966 को जन्मे आलोक कुमार मेहता राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख नेता और संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उन्हें तेजस्वी यादव का राजनीतिक गुरु भी माना जाता है। वे 14वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं और समस्तीपुर से सांसद के तौर पर संसद में राजद का प्रतिनिधित्व किया था। इसके अलावा, वे बिहार सरकार में सहकारिता मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

बिहार की राजनीति में हलचल

ईडी की इस कार्रवाई से बिहार की सियासत गरमा गई है। राजद ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, भाजपा ने घोटाले की जांच को न्यायसंगत ठहराते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

आगे की कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, ED अब घोटाले से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका और वित्तीय लेन-देन का बारीकी से अध्ययन कर रही है। इस मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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नजरें अब इस बात पर हैं कि इस जांच का अंजाम क्या होगा और बिहार की राजनीति में यह किस तरह का प्रभाव डालेगी।

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