राजगढ़, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में दो अधिकारियों के बीच की तकरार अब सार्वजनिक रूप से सुर्खियाँ बटोर रही है। सारंगपुर के एसडीएम संजय उपाध्याय और वहां के सीएमओ लालसिंह डोड़ीया के बीच हुए विवाद ने न केवल भ्रष्टाचार की चर्चाएँ बढ़ा दी हैं, बल्कि जाति आधारित विवाद भी खड़ा कर दिया है।
भ्रष्टाचार और जाति आधारित आरोप
सारंगपुर के सीएमओ लालसिंह डोड़ीया ने एसडीएम संजय उपाध्याय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डोड़ीया का दावा है कि उपाध्याय ने उन्हें 25 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की और जाति सूचक शब्दों का उपयोग करते हुए धमकी दी। डोड़ीया ने कहा, “उपाध्याय ने मुझसे कहा, ‘मैं ब्राह्मण हूं, तू आदिवासी है।’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उपाध्याय ने उन्हें एससी-एसटी एक्ट के तहत फंसाने की धमकी दी।”

सीएमओ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप
उधर, एसडीएम संजय उपाध्याय ने सीएमओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में रानी रूपमति तालाब में एक बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी, जिसमें सीएमओ पर अवैध उत्खनन का आरोप है। उपाध्याय ने बताया कि सीएमओ ने इस मुद्दे पर कई नोटिसों के बावजूद सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि सीएमओ ने 197 आवासों की जांच के दौरान दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए, और इस मुद्दे को लेकर उन्होंने बंद कमरे में अभद्रता की।
विवाद का सार्वजनिक स्वरूप
डोड़ीया ने अपने आरोपों के साथ नपा अमले के साथ थाने का रुख किया और एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। थाने पहुंचकर उन्होंने थाना प्रभारी आकांक्षा हाड़ा से शिकायत दर्ज करवाई। इस विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।https://g.co/kgs/N1gSBMA
निपटारे की प्रक्रिया
इस विवाद के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। एसडीएम और सीएमओ के बीच का यह विवाद न केवल प्रशासनिक स्तर पर, बल्कि सामाजिक और जातीय संबंधों पर भी असर डाल रहा है।
नतीजा
राजगढ़ जिले में इस विवाद ने सरकारी अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है और स्थानीय जनता की निगाहें अब इस पर हैं कि इस विवाद का निष्पक्ष समाधान कैसे होता है।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में इस घटना की गूंज जारी है और इसके परिणाम की प्रतीक्षा की जा रही है।