भोपाल: मध्यप्रदेश में अब से राशन कार्ड दुकानों के बाहर उन लोगो के नाम का लिस्ट जिन्होंने पिछले 6 महीने से राशन नहीं लिया है,अगर इसके बाद भी वो नही आए तो उनका नाम लिस्ट से हटा दिया जाएगा।कई उपभोक्ता प्रतिमाह अपने निर्धारित राशन लेने नहीं आते हैं। इसके परिणामस्वरूप दुकान संचालक को अतिरिक्त खाद्यान्न सुरक्षित रखना पड़ता है। हालांकि, यह देखा गया है कि कई उपभोक्ता छह-छह माह से अपने हिस्से का राशन लेने ही नहीं आ रहे हैं.


अब इन सभी उपभोक्ताओं के नाम दुकान के बाहर सूचना पटल पर चस्पा किए जाएंगे ताकि आसपास के लोग देखकर उन्हें सूचित कर सकें। यदि इसके बावजूद भी वे खाद्यान्न लेने नहीं आते हैं, तो यह माना जाएगा कि वे राशन नहीं लेना चाहते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं के नाम सूची से हटाकर अन्य पात्र लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे और उन्हें पात्रता पर्ची जारी की जाएगी।
मंत्री ने दिए निर्देश
खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि छह-छह माह तक राशन नहीं लेने वाले उपभोक्ताओं की पहचान करें। यदि वे किसी कारणवश राशन लेने नहीं आ पा रहे हैं तो उचित कार्रवाई की जाए, अन्यथा उनके नाम सूची से हटा दिए जाएं।
फ्री में दिया जा रहा है खाद्यान्न
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं को कोरोना महामारी के समय से मुफ्त राशन उपलब्ध कराया है। यह व्यवस्था आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया है। पहले राज्य सरकार अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और चावल उपलब्ध कराती थी।यह निर्णय उन उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है जो नियमित रूप से राशन नहीं ले रहे हैं, और उन पात्र लोगों के लिए भी जो राशन प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं|