भोपाल।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने अगस्त से दिसंबर 2024 के बीच 6 प्रमुख भर्ती परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया है। इन परीक्षाओं के जरिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में इंजीनियर, चिकित्सक, खनिज अधिकारी, पंजीयक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी जैसे पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। हालांकि इन परीक्षाओं में सीटों की संख्या बेहद सीमित होने के कारण अभ्यर्थियों में नाराजगी देखी जा रही है।
अगस्त से शुरू होगा परीक्षा सिलसिला
MPPSC ने जो वार्षिक परीक्षा कार्यक्रम जारी किया है, उसके मुताबिक पहली परीक्षा 24 अगस्त को आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा राज्य अभियांत्रिकी सेवा (सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल) के पदों के लिए होगी। इसके बाद 21 सितंबर, 12 अक्टूबर, 23 नवंबर, 7 दिसंबर और 14 से 21 दिसंबर के बीच अन्य परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
MPPSC परीक्षा कार्यक्रम 2024:
- 24 अगस्त: राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल)
- 21 सितंबर: सहायक संचालक (संस्कृति), उप संचालक, दंत चिकित्सक, खनिज अधिकारी
- 12 अक्टूबर: सहायक अनुसंधान अधिकारी, सहायक प्रबंधक, आंतरिक लेखा परीक्षण अधिकारी
- 23 नवंबर: सहायक पंजीयक परीक्षा
- 7 दिसंबर: खाद्य सुरक्षा अधिकारी परीक्षा
- 14 से 21 दिसंबर: मुख्य रसायन, जिला विस्तार अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी आदि पदों की परीक्षा
सीटों की संख्या बनी विवाद का कारण
इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 2024 के लिए 8,000 से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया है, लेकिन आयोग द्वारा घोषित सीटों की संख्या बेहद कम है। इससे अभ्यर्थियों में नाराजगी और निराशा का माहौल है। सोशल मीडिया पर कई छात्रों ने एमपीपीएससी से सीटें बढ़ाने की मांग की है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि इतनी सीमित सीटों पर परीक्षा आयोजित की जाएगी तो यह कई योग्य उम्मीदवारों के अवसर छीन लेगी। उनका मानना है कि जब आयोग को आवेदनकर्ता संख्या का अंदाजा था, तो पहले से सीटें बढ़ाने की योजना बनानी चाहिए थी।
छात्रों की चिंता: बढ़ती प्रतिस्पर्धा, सीमित मौके
मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में सरकारी नौकरियों को लेकर युवाओं में गहरी रुचि है। ऐसे में जब आयोग इतने सीमित पदों के लिए परीक्षा आयोजित करता है, तो प्रतियोगिता और अधिक कठिन हो जाती है। एक अभ्यर्थी ने कहा, “हम कई वर्षों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पदों की संख्या कम होने से हमारा भविष्य अधर में लटक सकता है।”
क्या कहती है आयोग?
अब तक आयोग की ओर से सीटें बढ़ाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन छात्रों के बढ़ते विरोध और ऑनलाइन अभियानों को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि आयोग कुछ परीक्षाओं में पदों की संख्या की समीक्षा कर सकता है।
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MPPSC द्वारा अगस्त से दिसंबर तक आयोजित की जाने वाली इन परीक्षाओं ने प्रदेश भर के लाखों युवाओं को फिर से एक उम्मीद दी है। हालांकि सीटों की संख्या को लेकर उठ रही चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को चाहिए कि वे अधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें और नियमित रूप से अपडेट लेते रहें। साथ ही, छात्रों की यह भी मांग है कि आयोग पारदर्शिता और न्यायसंगत अवसर सुनिश्चित करे, ताकि हर मेहनती अभ्यर्थी को उचित अवसर मिल सके।