भोपाल: मध्य प्रदेश में 16 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व के रूप में मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश दौरे पर रवाना होने से पहले इस फाइनल ड्राफ्ट को कानूनी स्वीकृति दी है। अब विधि विभाग के अंतिम परीक्षण के बाद अधिसूचना कभी भी जारी की जा सकती है।
क्या है रातापानी टाइगर रिजर्व का महत्व?
रातापानी वन्यजीव अभयारण्य 1983 में स्थापित किया गया था। इसका अधिसूचित क्षेत्रफल 823.065 वर्ग किमी है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने वर्ष 2008 में इसे टाइगर रिजर्व बनाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। अब, 16 वर्षों बाद यह पहल फलीभूत होती दिख रही है।
रिजर्व का प्रभाव क्षेत्र
रातापानी टाइगर रिजर्व भोपाल, औबेदुल्लागंज, रायसेन, और सीहोर के जंगलों को शामिल करेगा।
- बाघों की संख्या: अभयारण्य में वर्तमान में 75 बाघ हैं, जिनमें 10-15 युवा बाघ शामिल हैं।
- सुरक्षा: टाइगर रिजर्व के सख्त नियम लागू होने से बाघ, तेंदुए और अन्य वन्यजीवों को बेहतर संरक्षण मिलेगा।
- पर्यावरणीय प्रभाव: अवैध खनन और अन्य गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगेगी।
16 वर्षों की कोशिशों का परिणाम
रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की प्रक्रिया 2008 में शुरू हुई थी। हालांकि, कानूनी अड़चनों और स्थानीय हितों के कारण इसे टाला जाता रहा। अब, इन बाधाओं को दूर कर लिया गया है।
पर्यावरण संरक्षण और रोजगार के अवसर

रातापानी को टाइगर रिजर्व घोषित करने से:
- पर्यटन: वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।
- प्रकृति संरक्षण: जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा के सख्त नियम लागू होंगे।
- खनिज खदानें: रिजर्व के दायरे में आने वाली खदानों की लीज रद्द होगी, जिससे पर्यावरणीय क्षति रोकी जा सकेगी।
चुनौतियां और सुरक्षा उपाय
हालांकि, रिजर्व बनने के बावजूद बाघों और तेंदुओं की मौतें चिंता का विषय हैं। पिछले 15 वर्षों में ट्रेन की टक्कर से 7 बाघ और 11 तेंदुए मारे गए हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।

प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व
रातापानी टाइगर रिजर्व बनने के साथ ही मध्य प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या बढ़कर आठ हो जाएगी। यह कदम राज्य को “टाइगर स्टेट” की प्रतिष्ठा को और मजबूत करेगा।
अधिसूचना का इंतजार
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अब विधि विभाग द्वारा फाइनल परीक्षण प्रक्रिया पूरी होते ही, रातापानी टाइगर रिजर्व की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इस पहल से न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र की जैव विविधता को भी संरक्षित करेगा।