Sidhi: जिले के अमिलिया थाने में अगस्त माह में एक आदिवासी युवक के साथ हुई कथित मारपीट के मामले में फिर से तूल दिया जा रहा है। इस घटनाक्रम को लेकर बसपा की नेत्री रानी वर्मा ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट में पहुँच गया था। पिटीशन में आरोप लगाया गया था कि पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उक्त मामले में, कन्हैयालाल कोल ने पुलिस अधीक्षक डॉ. रविन्द्र वर्मा के समक्ष अपनी शिकायत में कहा था कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की। इसके बाद, पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसआई और अन्य आरक्षकों को लाईन हाजिर कर दिया और मामले की जांच एसडीओपी चुरहट को सौंप दी।

रानी वर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान इस मामले को राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि कन्हैया ने 19 अगस्त को मारपीट का आरोप लगाया था, लेकिन वह एक हफ्ते बाद शिकायत करने क्यों आए। उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं पर राजनैतिक हत्या कराने का आरोप भी लगाया था। इस विवाद के चलते मामला कुछ समय के लिए ठंडा पड़ गया था।
Sidhi news
कन्हैयालाल कोल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि सीधी पुलिस द्वारा मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके तहत 28 अगस्त को डीजीपी को शिकायत भेजी गई थी।

हाईकोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट में प्रकरण की सुनवाई के बाद, विद्वान न्यायाधीश ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि पिटीशनर द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करें। यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो 45 दिनों के भीतर उचित कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, न्यायाधीश ने प्रकरण को डिस्पोज कर दिया है।
ये भी पढ़ें:- MP CM Gwalior Chambal Tour Today: विकास कार्यों का होगा लोकार्पण और भूमिपूजन
यह मामला न केवल स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि यह पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल उठाता है। अब देखना यह होगा कि मामले की निष्पक्ष जांच कैसे आगे बढ़ती है।