सीधी, 6 जनवरी 2025 सीधी जिले में गौशालाओं का दावा कागजों तक सीमित रह गया है, जबकि सड़कों पर सैंकड़ों गौवंश खुलेआम घूम रहे हैं। गौवर्धन और गौशाला प्रबंधन के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनकी स्थिति बेहद कमजोर नजर आ रही है। जिले के कई क्षेत्रों में गौशालाओं का संचालन केवल कागजों पर हो रहा है, जबकि सड़कों पर मवेशियों की बढ़ती संख्या से न केवल यातायात प्रभावित हो रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं का भी खतरा बढ़ गया है।

कागजों में ही संचालित हो रही हैं गौशालाएं
जिले में कई गौशालाओं का संचालन कागजों में दर्ज है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि इन गौशालाओं में आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं और ना ही यहां पर्याप्त गौवंश की देखभाल की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति और भी गंभीर है, जहां गौशाला बनाने के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई गौशालाएं पूरी तरह से बंद पड़ी हैं और जहां कुछ गौशालाएं कार्यरत हैं, वहां भी व्यवस्थाओं का अभाव है।
सड़कों पर घूमते गौवंश: खतरे की घंटी
गांवों और कस्बों में बेजुबान गायें और बैल खुलेआम सड़कों पर घूमते हुए नजर आते हैं। इससे न केवल इन मवेशियों के लिए जोखिम उत्पन्न होता है, बल्कि ट्रैफिक जाम और सड़क हादसों की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। सड़कों पर घूमते मवेशी कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। सीधी जिले के विभिन्न हिस्सों में यह समस्या गंभीर रूप से बढ़ रही है, जिसके कारण स्थानीय लोग और वाहन चालक भी परेशान हैं।

सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए
सरकारी स्तर पर गौशालाओं के संचालन के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं, लेकिन उनका प्रभावी क्रियान्वयन अभी भी सवालों के घेरे में है। अधिकारियों का कहना है कि गौशालाओं के संचालन के लिए बजट आवंटन किया गया था, लेकिन अधिकांश राशि का सही उपयोग नहीं हो सका है। इसके साथ ही, प्रशासन को गौवंश के आवारा घूमने की समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। कई बार इन समस्याओं के समाधान के लिए नागरिकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा आवाज उठाई जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
समाधान की दिशा में पहल
सीधी जिले में गौवंश की बढ़ती संख्या और गौशालाओं की खराब स्थिति को लेकर प्रशासन को जल्द ही कोई प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन से अपील की है कि गौशालाओं की व्यवस्था को बेहतर किया जाए और मवेशियों के आवारा होने की समस्या को दूर किया जाए। इसके साथ ही, गौवंश के संरक्षण के लिए प्रशासन को ठोस और जमीनी स्तर पर काम करने की आवश्यकता है।
सीधी जिले में गौशालाओं की स्थिति और सड़कों पर घूमते गौवंश की समस्या एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। सरकार और प्रशासन को जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता है। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और बढ़ सकती है, जिससे न केवल मवेशियों का जीवन प्रभावित होगा, बल्कि लोगों के लिए भी खतरे का कारण बनेगा