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UPPSC छात्र आंदोलन पर अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा, बोले- “चुनाव एक साथ करवा सकते हैं, तो परीक्षा क्यों नहीं?”

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ छात्रों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है, और इस पर अब राजनीति भी गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि देश में चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, तो क्या राज्य में एक साथ सभी परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकतीं?

“भाजपा का ढोंग बेनकाब हो गया”

अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “क्या अलग-अलग दिन हो रहे चुनावों में भी भाजपा नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला लगाएगी? जब भाजपा जाएगी, तब नौकरी आएगी।” उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के झूठ और वचनबद्धता की पोल खुल चुकी है, और अब जनता और छात्र वर्ग जागरूक हो चुका है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा केवल चुनावों में जुटी रहती है और अपने एजेंडे को लागू करती है, जबकि युवा रोजगार की उम्मीद में संघर्ष कर रहे हैं।

“योगी सरकार का अयोग्य आयोग”

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज हर छात्र और युवा यह मानता है कि भाजपा के एजेंडे में रोजगार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि “अयोग्य लोगों का अयोग्य आयोग” इस सरकार के अंतर्गत काम कर रहा है, जिसने न केवल बेरोजगारी बढ़ाई है बल्कि छात्रों को सड़कों पर भी ला खड़ा किया है। अखिलेश ने यह भी कहा कि भाजपा ने छात्रों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए मजबूर किया है, जबकि उन्हें अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

“भाजपा ने छात्रों को सड़कों पर ला खड़ा किया”

अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने युवाओं को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखा है, ताकि भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति का मंच तैयार हो सके और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने वैकेंसी न निकालने और परीक्षा प्रक्रिया में देरी कर छात्रों की उम्मीदों को तोड़ दिया। “अब युवा इन झूठे प्रचार के शिकार नहीं होंगे,” उन्होंने कहा।

“अब कोई भाजपा का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं”

अखिलेश ने कहा कि अब कोई भी भाजपा के झांसे में आने को तैयार नहीं है। युवा और उनके परिवार अब भाजपा की नकारात्मक राजनीति को समझ चुके हैं और ‘जोड़ने वाली सकारात्मक राजनीति’ को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, “अब भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तब नौकरी आएगी।”

“क्या भाजपा छात्रों के हॉस्टल पर बुलडोजर चलाएगी?”

अखिलेश यादव ने एक और सवाल उठाया, “अब क्या भाजपा छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोजर चलाएगी?” उन्होंने भाजपा के ज़ुल्म की तुलना बुलडोजर से की और कहा कि अगर भाजपा इतनी शिद्दत से नाइंसाफी कर रही है, तो उन्हें उसी शिद्दत से सरकार चलानी चाहिए थी। आंदोलनकारी युवा अब भाजपा को आड़े हाथों ले रहे हैं और पूछ रहे हैं कि भाजपा के नेता और कार्यकर्ता कहां हैं, जब छात्रों की आवाज़ उठाने का समय था।

“लाठीचार्ज निंदनीय”

अखिलेश यादव ने आंदोलनकारी छात्रों पर हुए लाठीचार्ज को निंदनीय कृत्य बताया और कहा कि यह भाजपा सरकार का युवा विरोधी चेहरा उजागर करता है। उन्होंने कहा, “अब हर हाथ में तिरंगा लहराएगा, भाजपा का ज़ुल्म सहा न जाएगा!” अखिलेश ने यह भी दोहराया कि भाजपा के एजेंडे में छात्रों के लिए कोई स्थान नहीं है और जब तक भाजपा सत्ता में रहेगी, तब तक युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा।

निष्कर्ष

अखिलेश यादव के बयान ने भाजपा सरकार के खिलाफ एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। छात्रों की ओर से उठ रहे इस संघर्ष ने न केवल राज्य सरकार को चुनौती दी है, बल्कि भाजपा के राजनीतिक कद और उनके रोजगार के वादों पर भी सवाल उठाए हैं। अब यह देखना होगा कि यह आंदोलन आगे किस दिशा में बढ़ेगा और क्या भाजपा सरकार छात्रों की मांगों को नजरअंदाज करती है या कोई समाधान प्रस्तुत करती है।

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