देश की राजनीति में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का नाम हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। लेकिन हाल के दिनों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान के बाद राजनीतिक बहस ने नया मोड़ ले लिया है। भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर अंबेडकर के नाम का “राजनीतिक उपयोग” करने का आरोप लगा रहे हैं।
चालावडी नारायणस्वामी का कांग्रेस पर निशाना
भाजपा नेता चालावडी नारायणस्वामी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस की बैठक बाबासाहेब अंबेडकर के सिद्धांतों के खिलाफ है। गांधीवाद और अंबेडकरवाद एक जैसे नहीं हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक की राजनीति के लिए अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल किया, जबकि उनके विचारों को नजरअंदाज किया।
उन्होंने प्रियंका गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें “कित्तूर रानी चेन्नम्मा” बताकर राजनीति में उनकी स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच आंतरिक कलह है, और यह पार्टी अपने उद्देश्य से भटक चुकी है।
अमित शाह के बयान पर विवाद
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में अंबेडकर पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “अब एक फैशन हो गया है, आंबेडकर-आंबेडकर-आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते, तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता।” शाह के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया।

हालांकि, भाजपा ने कांग्रेस पर वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया। भाजपा ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अतीत में अंबेडकर को चुनावों में हराने की कोशिश की थी।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अंबेडकर को चुनाव जीतने से रोका था। उन्होंने कहा कि अंबेडकर को भारत रत्न तक देने में कांग्रेस ने देर की।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने अमित शाह के बयान को अंबेडकर का अपमान करार दिया और गृह मंत्री से माफी की मांग की। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने अंबेडकर के विचारों को कभी नहीं अपनाया और अब उनके नाम का उपयोग केवल राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है।

विश्लेषण
यह सियासी विवाद दिखाता है कि अंबेडकर के विचार और उनके नाम का उपयोग आज भी भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- भाजपा ने जहां कांग्रेस को वोट बैंक राजनीति का आरोप लगाया है, वहीं कांग्रेस भाजपा पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगा रही है।
- इस बहस ने अंबेडकर की विचारधारा और उनके योगदान पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है।
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बाबासाहेब अंबेडकर भारतीय समाज और राजनीति के लिए एक प्रेरणा हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि उनकी विचारधारा का उपयोग केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित न रहे। राजनीतिक दलों को उनके विचारों को अमल में लाने की दिशा में कार्य करना चाहिए, न कि केवल उनके नाम का सहारा लेना चाहिए।