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अयोध्या में जमीन विवाद: समाजवादी पार्टी के आरोपों पर पुलिस ने क्या कहा?

अयोध्या में एक विवादित जमीन पर कब्जे को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और अयोध्या पुलिस के बीच तनातनी चल रही है। सपा ने आरोप लगाया है कि एक बिजनेस ग्रुप ने मांझी समाज के लोगों की जमीन पर कब्जा कर लिया है और यह सब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण में हो रहा है। इसके जवाब में अयोध्या पुलिस ने इन आरोपों को भ्रामक बताया है और कहा है कि मामले की जांच की जा रही है।

अयोध्या:- सपा का आरोप और वीडियो पोस्ट

सपा के मीडिया सेल ने एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें कुछ लोगों को लाठी-डंडे से मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। सपा का दावा है कि इस वीडियो में दिखाए गए लोग मांझी समुदाय के किसानों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण में हो रहा है और इसके पीछे एक बड़े बिजनेस ग्रुप का हाथ है।

सपा ने आरोप लगाया है कि अयोध्या में राम मंदिर के फैसले के बाद से प्रॉपर्टी का बाजार गर्म हो गया है और बड़े उद्योगपति, भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिलकर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। पार्टी ने यह भी कहा है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में बिका हुआ है और किसानों को जेल में डाल दिया गया है।

लोढ़ा ग्रुप की सफाई

इस बीच, लोढ़ा ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने एक किसान से कानूनी तरीके से जमीन खरीदी थी। जब ग्रुप ने उस पर कब्जा जमाने की कोशिश की, तो लाठियों से लैस एक समूह ने उनके लोगों पर हमला कर दिया। प्रवक्ता ने कहा कि इस हमले में उनके लोगों को गंभीर चोटें आई हैं और मामले की FIR दर्ज कराई गई है।

पुलिस का बयान

अयोध्या पुलिस ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है और इसे भ्रामक बताया है। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया और ट्विटर पर इस मामले को लेकर कई झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। पुलिस ने इस मुद्दे पर विधिक कार्यवाही की बात की है और कहा है कि मामले की पूरी तरह से जांच की जा रही है।

SSP का बयान

अयोध्या के SSP राज करन नायर ने इस मामले पर विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यह घटना 12 सितंबर को हुई थी। एक पक्ष ने पुलिस को सूचित किया था कि उन्होंने तिहुरा माझा में जमीन खरीदी थी और जब वे जमीन की घेराबंदी करने पहुंचे तो दूसरे पक्ष के लोग वहां पहुंच गए और मारपीट शुरू हो गई। SSP ने कहा कि इस घटना में एक व्यक्ति को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भेजा गया है। 13 सितंबर को दूसरे पक्ष की ओर से भी एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है।

इस मामले की तफ्तीश अभी जारी है और पुलिस का कहना है कि सभी पक्षों को सुना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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