आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में छात्राओं के साथ हुए अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। स्कूल प्रिंसिपल यू साई प्रसन्ना ने स्कूल देर से पहुंचने पर कुछ छात्राओं के बाल कटवा दिए। इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के प्रति शिक्षक व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है मामला?
यह घटना तब हुई जब कुछ छात्राएं स्कूल देर से पहुंचीं। इस बात से गुस्साए प्रिंसिपल ने उन्हें सजा देने के लिए बाल कटवा दिए। मामला सार्वजनिक होने के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासन हरकत में आया। राज्य के समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक बी. श्रीनिवास राव ने इस घटना की जांच की।

जांच में पाया गया कि प्रिंसिपल ने बाल कटवाने की बात स्वीकार की है। इसके बाद जिला कलेक्टर ने सोमवार शाम को प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया।
मध्य प्रदेश में भी सामने आया था ऐसा मामला
कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी। वहां एक अध्यापक ने नशे की हालत में एक छात्रा के बाल कैंची से काट दिए थे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मामले की जांच के बाद उस अध्यापक को भी निलंबित कर दिया गया था।

शिक्षा विभाग का कड़ा संदेश
शिक्षा विभाग ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और स्पष्ट किया है कि छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य परियोजना निदेशक ने सभी शिक्षकों और प्रिंसिपलों को छात्रों के साथ अनुशासनात्मक व्यवहार में मानवाधिकार और संवेदनशीलता का पालन करने का निर्देश दिया है।

छात्रों की सुरक्षा और अधिकार पर उठ रहे सवाल
इस तरह की घटनाएं छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डालती हैं। शिक्षकों और प्रशासन से उम्मीद की जाती है कि वे छात्रों को प्रेरित और संरक्षित करें, न कि उन्हें डराने-धमकाने वाले अनुशासनात्मक तरीकों का सहारा लें।
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