सोशल मीडिया पर विवादित कॉन्टेंट को लेकर उठने वाला शोर अब एक गंभीर रूप ले चुका है। पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया और स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के एक एपिसोड में किए गए विवादित चुटकुलों के बाद से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपूर्वा मुखीजा (Apoorva Mukhija) को निशाना बनाया जा रहा है। शो में जज के तौर पर मौजूद अपूर्वा के खिलाफ नफरत भरे कॉमेंट्स, गालियों और धमकियों की बाढ़ आ गई है।
धमकियों की हदें पार
अपूर्वा ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट के जरिए खुलासा किया कि उन्हें रेप, गैंगरेप, मर्डर और एसिड अटैक जैसी संगीन धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने अपने पुराने सभी पोस्ट डिलीट कर दिए थे और एक नया पोस्ट साझा किया जिसमें कई डरावने स्क्रीनशॉट थे, जो यह दर्शाते हैं कि उनके खिलाफ किस हद तक घृणा फैलाई जा रही है। उन्होंने लिखा, “यह तो सिर्फ एक प्रतिशत है, असली संख्या इससे कहीं ज्यादा है।”

इस विवाद पर महाराष्ट्र साइबर सेल और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने संज्ञान लिया है। फरवरी में अपूर्वा का बयान साइबर सेल द्वारा दर्ज किया गया था और इससे पहले वह महिला आयोग के सामने पेश होकर लिखित माफी भी दे चुकी हैं।
आरोपियों के खिलाफ FIR
इस मामले में रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना के साथ-साथ अन्य सोशल मीडिया पर्सनैलिटी जैसे आशीष चंचलानी और जसप्रीत सिंह पर भी अश्लीलता और आपत्तिजनक कंटेंट को बढ़ावा देने के आरोप में FIR दर्ज की गई है।
माफी और सफाई
रणवीर इलाहाबादिया ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए स्वीकार किया कि उनका मजाक न केवल अनुचित था बल्कि उसमें हास्य का भी अभाव था। उन्होंने कहा, “मैं कॉमेडी का विशेषज्ञ नहीं हूं और किसी भी परिवार का अनादर करना मेरी मंशा नहीं थी।”
समय रैना भी 6 अप्रैल को गुवाहाटी क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए और उन्होंने कहा कि शो के दौरान की गई टिप्पणियाँ प्रवाह में थीं, सोची-समझी नहीं थीं। इसके बाद उन्होंने माफ़ी मांगी और विवाद बढ़ते ही यूट्यूब से सभी एपिसोड हटा लिए।
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यह पूरा मामला न केवल ऑनलाइन अभिव्यक्ति की सीमाओं पर सवाल उठाता है, बल्कि महिलाओं को मिलने वाली डिजिटल सुरक्षा की स्थिति पर भी गंभीर चिंता जताता है। किसी चुटकुले के जवाब में इस स्तर की धमकियाँ — यह समाज के भीतर मौजूद कट्टरता और असहिष्णुता की भयावह तस्वीर पेश करता है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं।