बिजली निगम की सतर्कता शाखा ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के राड़ावास और सामोद में बिजली चोरी के कुल सात मामले पकड़े हैं। इनमें एक ऑयल मिल और छह ईंट भट्टों पर अवैध रूप से बिजली का उपयोग किया जा रहा था। कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने कुल 17 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस कार्रवाई से बिजली चोरी करने वालों में हड़कंप मच गया है।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई सतर्कता शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में की गई। उनके साथ सहायक अभियंता उपासना सिंह, इलेक्ट्रीशियन भागीरथ सैनी और टैक्नीशियन वीरेंद्र राव की टीम ने सुबह राड़ावास और सामोद क्षेत्र में दबिश दी। यह अभियान बिजली चोरी रोकने के उद्देश्य से चलाया गया था।
ऑयल मिल में हाईटेक चोरी
सामोद क्षेत्र की एक ऑयल मिल पर जब टीम पहुंची, तो वहां हाईटेक तरीके से बिजली चोरी की जा रही थी। ऑयल मिल में लगे बिजली मीटर में विशेष डिवाइस पाई गई, जिसे रिमोट कंट्रोल की मदद से बंद किया जा रहा था ताकि बिजली खपत दर्ज न हो सके। इस मामले में मालिक निजामुद्दीन तेली के खिलाफ 3.71 लाख रुपये का वीसीआर (विजिलेंस केस रिपोर्ट) भरकर जुर्माना लगाया गया।

इसके अलावा, राड़ावास के आसपास छह ईंट भट्टों पर भी बिजली चोरी के मामले सामने आए। इन पर क्रमशः लक्ष्मी ईंट उद्योग धवली – ₹2.21 लाख, विशाल धवली – ₹2.80 लाख, कैलाशचंद्र मारखी – ₹1.52 लाख, दिलीप सिंह (ग्राम धवली) – ₹3.05 लाख, तेजाराम पटेल (ग्राम अमरसर) – ₹2.38 लाख, और हरिशंकर (ग्राम अमरसर) – ₹2.83 लाख का जुर्माना लगाया गया। सभी मामलों में मीटर में छेड़छाड़ या बायपासिंग की पुष्टि हुई।
कड़ी कार्रवाई और चेतावनी
बिजली चोरी की पुष्टि होने के बाद टीम ने मौके से सभी विद्युत मीटर और केबिलों को जब्त कर कनेक्शन काट दिए हैं। सभी संबंधित उपभोक्ताओं को नियमानुसार नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र कुमार शर्मा ने स्पष्ट किया कि अगर तय समय पर जुर्माना जमा नहीं किया गया तो संबंधित उपभोक्ताओं के खिलाफ विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाने में मामला दर्ज किया जाएगा।
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बिजली निगम के अधिकारियों ने कहा है कि इस तरह की सतर्कता जांच आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगी। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिजली की चोरी न हो और उपभोक्ता ईमानदारी से बिजली का उपयोग करें। इस कार्रवाई से यह संदेश भी गया है कि बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरी कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि चाहे चोरी कितनी भी तकनीकी क्यों न हो, कानून से नहीं बचा जा सकता। जनता और व्यापारिक संस्थानों को अब यह समझना जरूरी है कि बिजली चोरी न केवल गैरकानूनी है बल्कि इससे पूरे सिस्टम को नुकसान होता है।