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खेत से भागते हुए पकड़े गए TMC विधायक जीवन कृष्ण साहा, ED ने किया गिरफ्तार

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सियासत में सोमवार, 25 अगस्त का दिन हलचल भरा रहा, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया। साहा को ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हिरासत में लिया है। गिरफ्तारी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब एजेंसी की टीम मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान स्थित उनके घर पहुंची तो विधायक ने दीवार फांदकर भागने की कोशिश की। लेकिन ईडी अधिकारियों ने उन्हें पास के खेत में दौड़ाकर पकड़ लिया।

खेत में भागते हुए पकड़े गए साहा

ED अधिकारियों के अनुसार, जब साहा को पकड़ा गया उस समय उनके कपड़े और शरीर मिट्टी से सने हुए थे। छापेमारी के दौरान उन्होंने सबूत नष्ट करने का प्रयास भी किया और अपने मोबाइल फोन तालाब में फेंक दिए। हालांकि ईडी ने तालाब से दोनों फोन बरामद कर लिए, जिन्हें अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

एजेंसी का दावा है कि साहा लंबे समय से अवैध कमाई और भ्रष्टाचार में शामिल रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने जमीन सौदों और सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी करके भारी संपत्ति अर्जित की। ईडी की छापेमारी में उनके घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और नकदी भी मिली है।

मनी लॉन्ड्रिंग केस की पृष्ठभूमि

जीवन कृष्ण साहा के खिलाफ ईडी ने पिछले साल ही मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। यह मामला सीधे तौर पर शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। आरोप है कि इस भर्ती घोटाले के जरिए लाखों रुपये की हेराफेरी हुई और इस रकम को साहा सहित कई नेताओं ने अवैध संपत्ति बनाने में लगाया।

साहा का राजनीतिक सफर वर्ष 2016 में शुरू हुआ, जब वे पहली बार विधायक बने। तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर वे मुर्शिदाबाद से विधानसभा पहुंचे और इसके बाद उन्होंने इलाके में मजबूत पकड़ बनाई। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उन पर भ्रष्टाचार और अवैध कमाई के आरोप लगते रहे हैं।

गिरफ्तारी के बाद TMC और विपक्ष की प्रतिक्रिया

साहा की गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। TMC ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों को कमजोर करने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि बीजेपी, केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है ताकि आगामी लोकसभा चुनावों में विपक्ष की आवाज दबाई जा सके।

दूसरी ओर, बीजेपी ने ईडी की इस कार्रवाई का स्वागत किया और इसे तृणमूल कांग्रेस की भ्रष्ट राजनीति का सबूत बताया। भाजपा नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है और अब सच धीरे-धीरे सामने आ रहा है।

ED का बयान

ईडी ने साफ कहा है कि उनकी कार्रवाई पूरी तरह कानूनी है और किसी राजनीतिक दबाव में नहीं की गई। एजेंसी के अधिकारियों के मुताबिक, साहा के खिलाफ मिले सबूत इतने मजबूत हैं कि गिरफ्तारी जरूरी थी। अब जांच में उनके सहयोगियों और अन्य नेताओं के नाम भी सामने आ सकते हैं।

सियासी असर

साहा की गिरफ्तारी से TMC में हड़कंप मच गया है। पार्टी ने फिलहाल कानूनी मदद देने की बात कही है, लेकिन अंदरूनी तौर पर इस गिरफ्तारी ने संगठन की छवि को बड़ा झटका दिया है। विपक्ष को यह मुद्दा हाथ लग गया है, जिसका इस्तेमाल वह लोकसभा चुनाव से पहले जनता के बीच कर सकता है।

यह मामला न केवल TMC बल्कि पूरे राज्य की राजनीति पर असर डाल सकता है। पश्चिम बंगाल में पहले से ही भ्रष्टाचार और एजेंसी की कार्रवाई बड़े राजनीतिक मुद्दे बने हुए हैं। साहा की गिरफ्तारी ने आग में घी डालने का काम किया है।

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जीवन कृष्ण साहा की गिरफ्तारी से साफ है कि शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच अब और गहराई तक जाएगी। साहा पर लगे आरोप और उनके खिलाफ मिली शुरुआती सामग्री इस बात की ओर इशारा करती है कि आने वाले समय में ED की जांच का दायरा और बढ़ सकता है। राजनीतिक तौर पर यह मामला तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनौती बन चुका है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगा।

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