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गुजरात मेडिकल कॉलेज में रैगिंग से MBBS छात्र की मौत: 15 सीनियर्स पर FIR, कॉलेज से सस्पेंड

पाटन, गुजरात:
गुजरात के पाटन जिले में स्थित GMERS मेडिकल कॉलेज से रैगिंग का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। फर्स्ट ईयर के MBBS छात्र अनिल मेथानिया की कथित रूप से रैगिंग के दौरान हुई मौत ने राज्य भर में हड़कंप मचा दिया है। सीनियर छात्रों द्वारा तीन घंटे तक खड़े रखने और गाने-डांस करने के लिए मजबूर करने के बाद अनिल बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

घटना का पूरा विवरण

16 नवंबर को GMERS मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में यह घटना हुई। अनिल समेत अन्य जूनियर छात्रों को सीनियर छात्रों ने रैगिंग के नाम पर प्रताड़ित किया। आरोप है कि अनिल को तीन घंटे तक खड़ा रखा गया और अपमानजनक गतिविधियों के लिए मजबूर किया गया। थकावट और तनाव के कारण अनिल बेहोश हो गया।

पुलिस के अनुसार, बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाने के बाद अनिल ने रैगिंग से जुड़ी घटनाओं का खुलासा किया। हालांकि, बयान देने के तुरंत बाद उसकी मौत हो गई।

15 सीनियर्स के खिलाफ FIR दर्ज

मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने 15 सीनियर छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। कॉलेज प्रशासन ने इन सभी को तुरंत सस्पेंड कर दिया है।

कॉलेज प्रशासन और पुलिस का रुख

GMERS मेडिकल कॉलेज के डीन हार्दिक शाह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि कॉलेज ने एंटी-रैगिंग कमेटी की आपात बैठक बुलाई और जूनियर छात्रों से बयान दर्ज किए। उन्होंने कहा, “यदि जांच में रैगिंग का दोष सिद्ध होता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

डीएसपी केके पंड्या ने बताया कि घटना की वीडियोग्राफी कराई गई है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। धारपुर अस्पताल और कॉलेज से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

मृतक के परिवार का बयान

अनिल के चचेरे भाई धर्मेंद्र मेथानिया ने बताया कि उनका परिवार सुरेन्द्रनगर जिले में रहता है। अनिल ने एक महीने पहले ही कॉलेज में एडमिशन लिया था। धर्मेंद्र ने कहा, “हमें कॉलेज से फोन आया कि अनिल बेहोश हो गया है। जब हम पहुंचे, तो डॉक्टर ने उसकी मौत की खबर दी। हम सरकार और कॉलेज से न्याय की मांग करते हैं।”

गुजरात में रैगिंग की घटनाएं चिंताजनक

गुजरात में रैगिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। 2022 में भी रैगिंग के कई मामले सामने आए:

  • दिसंबर 2021: जामनगर फिजियोथेरेपी कॉलेज
  • फरवरी 2022: अमरेली नवोदय स्कूल
  • अप्रैल 2022: वस्त्रापुर केंद्रीय विद्यालय
  • दिसंबर 2022: बी.जे. मेडिकल कॉलेज

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निष्कर्ष

अनिल मेथानिया की मौत ने रैगिंग की गंभीरता और इसके खतरनाक प्रभावों को उजागर किया है। यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि एंटी-रैगिंग नियमों को सही तरीके से लागू क्यों नहीं किया जा रहा। अब देखना होगा कि कॉलेज प्रशासन और कानून व्यवस्था इस मामले में दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं।

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