अहमदाबाद, गुजरात: अहमदाबाद के हटकेश्वर ब्रिज की दुर्दशा ने एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरी हैं। 2017 में 42 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल को गड्ढों के कारण पिछले दो सालों से बंद कर दिया गया था। अब इसे फिर से बनाने के लिए 52 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है। अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने पुल के पुनर्निर्माण के लिए चौथा टेंडर जारी कर दिया है और यह निर्माण उसी कंपनी द्वारा किया जाएगा जिसने पहले पुल बनाया था।
हटकेश्वर ब्रिज, जो केवल सात साल पहले बनाया गया था, अब उसकी खराब हालत के कारण पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा और पुनर्निर्माण किया जाएगा। सुरक्षा संबंधित चिंताओं के कारण पुल को 2021 में अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था और अगस्त 2022 में एक स्टेबिलिटी रिपोर्ट के बाद इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया था।
AMC की प्रतिक्रिया:
AMC के स्थायी समिति के अध्यक्ष देवांग दानी ने इंडिया टुडे को बताया कि पुल के पुनर्निर्माण के लिए चार प्रयास किए गए। पहले तीन निविदाओं में कोई जवाब नहीं मिला, लेकिन चौथे प्रयास में राजस्थान की एक कंपनी ने प्रोजेक्ट को लेने पर सहमति जताई। दानी ने बताया कि AMC का लक्ष्य 15 दिनों में प्रक्रिया पूरी करना और अगले 18 महीनों में नया पुल तैयार करना है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण लागत का मूल्यांकन अभी भी चल रहा है।
विपक्ष की टिप्पणियाँ:
विपक्षी नेता शहजाद खान पठान ने इस मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पठान ने कहा कि हटकेश्वर ब्रिज एक “इंजीनियरिंग विफलता और भ्रष्टाचार” का बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पुल का उद्घाटन नवंबर 2017 में हुआ था, और मार्च 2021 में गड्ढों के कारण इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। उन्होंने अगस्त 2022 की स्टेबिलिटी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पुल को असुरक्षित पाया गया था और अब इसके पुनर्निर्माण समेत कुल लागत 94 करोड़ रुपये होगी। पठान ने मांग की कि यह राशि अजय इंफ्रा कंपनी से वसूल की जानी चाहिए।
सरकारी जवाब:सरकारी जवाब:
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने पुष्टि की है कि पुल के विध्वंस और पुनर्निर्माण पर 52 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह राशि मूल ठेकेदार से वसूली जाएगी। सांघवी के जवाब पर पठान ने सवाल उठाया कि जब अन्य नए पुलों के निर्माण में 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आती है, तो हटकेश्वर पुल के पुनर्निर्माण में केवल 52 करोड़ रुपये की लागत क्यों आ रही है। उन्होंने यह भी पूछा कि लागत बचाने के लिए सभी नए पुलों पर ऐसा ही तरीका क्यों नहीं अपनाया जा सकता।
विपक्ष और कांग्रेस की चिंताएँ:
अहमदाबाद कांग्रेस के शहर अध्यक्ष हिम्मत सिंह पटेल ने भी इस मामले पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह कार्रवाई से बचने के लिए ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ जांच नहीं कर रही है और ED, CBI जैसी एजेंसियों का चुनिंदा तरीके से इस्तेमाल कर रही है।
सारांश:
हटकेश्वर ब्रिज की दुर्दशा और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया ने अहमदाबाद में राजनीतिक और प्रशासनिक विवादों को जन्म दिया है। यह मामला इंजीनियरिंग गुणवत्ता और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, और आगे की कार्रवाई पर नजर रखी जाएगी।