रायपुर। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में इस बार एक खास पहल देखने को मिलेगी। राज्य वक्फ बोर्ड ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 15 अगस्त को प्रदेश के सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाएगा। इस आदेश के साथ ही प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील आनंद शुक्ला ने इसे “पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा” करार देते हुए सवाल खड़े किए हैं।
वक्फ बोर्ड का आदेश
सोमवार को जारी निर्देश में छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने कहा कि तिरंगा हमारे देश का मान-सम्मान और गौरव का प्रतीक है। राष्ट्रीय पर्व किसी एक धर्म से जुड़ा नहीं होता, बल्कि यह पूरे देशवासियों का है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि 15 अगस्त को राज्य के सभी वक्फ से जुड़े धार्मिक स्थलों पर तिरंगा फहराया जाए।
डॉ. सलीम राज के अनुसार, “कुछ मस्जिदों और मदरसों में पहले ध्वजारोहण नहीं किया जाता था। लेकिन अब यह परंपरा बदलेगी और हर जगह एकता और सम्मान के साथ तिरंगा फहराया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय समाज में भाईचारे और राष्ट्रीय एकता को और मजबूत करेगा।
सियासी तकरार शुरू
वक्फ बोर्ड के इस आदेश के बाद कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या अब तक मदरसों में तिरंगा नहीं फहराया जा रहा था, जो अब आदेश जारी करना पड़ा? धार्मिक स्थलों — चाहे वह मंदिर, गुरुद्वारा, गिरजाघर या मस्जिद हो — में पहले तिरंगा फहराने की परंपरा नहीं थी। हर धर्मावलंबी अपने घर, गली-मोहल्ले और संस्थानों में तिरंगा फहराता है। ऐसे में वक्फ बोर्ड का यह आदेश एक पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा से ज्यादा कुछ नहीं।”

राजनीतिक पृष्ठभूमि में संदेश
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसर पर तिरंगा फहराने को लेकर विवाद होना स्वाभाविक नहीं है, लेकिन जब इसे किसी विशेष धार्मिक स्थल या संस्था से जोड़ा जाता है, तो इसके राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जाते हैं। छत्तीसगढ़ में इस समय आगामी चुनावी माहौल को देखते हुए, हर निर्णय का राजनीतिक असर भी हो सकता है।
बीते वर्षों में देशभर में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज लगाने और ध्वजारोहण करने के लिए प्रेरित किया गया है। इस बार वक्फ बोर्ड का आदेश इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है, लेकिन विपक्ष इसे चुनावी लाभ के लिए की गई कवायद बता रहा है।
राष्ट्रीय एकता पर जोर
वक्फ बोर्ड का मानना है कि राष्ट्रीय पर्व पर सभी धार्मिक स्थलों पर तिरंगा फहराने से एक मजबूत संदेश जाएगा कि देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है। इससे युवा पीढ़ी में भी देशभक्ति की भावना बढ़ेगी और धार्मिक भेदभाव की दीवारें कमजोर होंगी।
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हालांकि, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि 15 अगस्त को यह आदेश कितनी प्रभावी तरीके से लागू होता है और क्या यह वाकई एकता का संदेश देने में सफल होता है या राजनीतिक बहस का नया मुद्दा बनकर रह जाता है।