Homeबड़ी खबरेजीएन साईबाबा का निधन: पित्ताशय की सर्जरी के बाद आई जटिलताएं

जीएन साईबाबा का निधन: पित्ताशय की सर्जरी के बाद आई जटिलताएं

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा का 12 अक्टूबर को निधन हो गया। उनकी मौत पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद हुई जटिलताओं के चलते हुई। साईबाबा का इलाज हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में चल रहा था, जहां उन्हें खराब स्वास्थ्य के कारण 10 दिन पहले भर्ती कराया गया था।

स्वास्थ्य समस्या और सर्जरी

साईबाबा को पित्ताशय में बहुत दर्द हो रहा था, जिसके कारण उन्हें वसंत कुंज के एक अस्पताल और फिर एम्स में ले जाया गया। अंततः उन्हें हैदराबाद में भर्ती कराया गया, जहां उनका परिवार भी मौजूद था। उनके करीबी दोस्त दीपक कुमार ने बताया कि सर्जरी के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनका निधन हो गया।

जीएन साईबाबा: – प्रोफेसर की प्रतिष्ठा और कानूनी लड़ाई

जीएन साईबाबा एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे और उनकी विदाई सभी के लिए दुखद है। दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर नंदिता नारायण ने कहा कि बरी होने के बाद वे घर वापस आ चुके थे और सबकुछ ठीक चल रहा था। साईबाबा अपनी नौकरी को वापस पाने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे थे, जिसमें अंतिम सुनवाई इसी साल सितंबर में हुई थी।

माओवादी संबंध और जेल की अवधि

साईबाबा को 9 मई 2014 को महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि वे प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और उसके प्रमुख समूह रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट के सदस्य थे। उन्हें 2017 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई, लेकिन उच्च न्यायालय ने बाद में उनकी सजा को रद्द कर दिया और उन्हें बरी कर दिया। 7 मार्च को वे नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा हुए थे।

अंतिम शब्द

जीएन साईबाबा का निधन उनके परिवार, मित्रों और छात्रों के लिए एक बड़ा आघात है। उनके योगदान और विचारधारा को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी विदाई से शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक बड़ा नुकसान हुआ है।

ये भी पढ़ें:- सीधी शहर के गुरुद्वारे में भीषण आग, प्रतिमा भी जली

RELATED ARTICLES

Most Popular