नई दिल्ली: 2 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान राजधानी को फिर से एक बार अपनी मांगों के साथ घेरने की तैयारी में हैं। किसानों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा के विभिन्न इलाकों से दिल्ली की ओर मार्च करने का निर्णय लिया है। किसानों की मुख्य मांगें मुआवजा, भूमि अधिग्रहण कानून और पुनर्वास से संबंधित हैं। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने कई प्रमुख रूट्स पर ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है, ताकि दिल्ली के आसपास यातायात पर असर न पड़े।
किसान आंदोलन का कारण और मांगें
भारतीय किसान परिषद (BKP), किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) सहित कई अन्य किसान संगठनों के बैनर तले यह आंदोलन आयोजित किया जा रहा है। 1 दिसंबर को किसानों ने जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने अपनी प्रमुख मांगों को रखा। हालांकि, जब प्रशासन ने इन मांगों पर कोई ठोस कदम उठाने से इनकार किया, तो किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला लिया।
किसानों का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर में उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए किसानों को चार गुना मुआवजा दिया गया, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान इस सुविधा से वंचित हैं। किसानों का आरोप है कि पिछले 10 सालों से सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गई है, और अब इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, किसानों की एक और प्रमुख मांग है कि उन्हें 10 फीसदी विकसित प्लॉट दिए जाएं, ताकि वे अपनी आजीविका में सुधार कर सकें।
दिल्ली भूमि अधिग्रहण कानून और पुनर्वास की मांग
किसान नेताओं ने यह भी कहा है कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को उचित पुनर्वास और रोजगार के अवसर मिलें। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि हाई पावर कमेटी की सिफारिशों के तहत नए भूमि अधिग्रहण कानून का लाभ उन्हें दिया जाए। किसानों का कहना है कि वे सरकार से अपनी मांगों के समाधान की उम्मीद में दिल्ली कूच कर रहे हैं।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस की ट्रैफिक एडवाइजरी
किसानों के मार्च को लेकर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। दिल्ली की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरियर लगाकर सघन चेकिंग की जाएगी। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे यात्रा करते समय इन सड़कों पर विशेष ध्यान रखें, क्योंकि किसानों के प्रदर्शन के कारण जाम की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
किसान संगठन द्वारा यह घोषणा की गई है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो उनका आंदोलन और भी तेज हो सकता है। किसानों ने स्पष्ट किया है कि वे सरकार से किसी भी हालत में अपनी अधिकारों की रक्षा करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें और अधिक संघर्ष क्यों न करना पड़े।
यह भी पढ़े:-संभल और अजमेर शरीफ मस्जिद विवाद, सियासी बयानबाज़ी और कानूनी लड़ाई जारी
दिल्ली पर साया
2 दिसंबर को किसान नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर दोपहर 12 बजे एकत्रित होकर दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। इस मार्च में गौतमबुद्ध नगर, आगरा, अलीगढ़, बुलंदशहर और आसपास के 20 जिलों के किसान हिस्सा लेंगे। किसान ट्रैक्टरों और पैदल यात्रा के माध्यम से दिल्ली की ओर रुख करेंगे।