Delhi flood– भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के चलते दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है. बुधवार को हुई भारी बारिश के कारण यातायात प्रभावित हुआ और कई प्रमुख सड़कों पर पानी भर गया.
मुंडका में जलभराव
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर यात्रियों से मुंडका क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है.
नांगलोई से टिकरी बॉर्डर और इसके विपरीत दिशा में रोहतक रोड पर भारी जलभराव और सड़कों पर गड्ढों के कारण यातायात प्रभावित है. कृपया मुंडका से बचें और वैकल्पिक मार्ग लें,”दिल्ली पुलिस ने कहा
जलभराव की शिकायतें: दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बुधवार को सुबह 6 बजे से मध्यरात्रि तक जलभराव की लगभग 50 शिकायतें प्राप्त कीं। नियंत्रण कक्ष से स्थानीय ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को सूचित किया गया और कार्रवाई की गई।
एसडीएएम को मिली शिकायते: बुधवार को गाजीपुर में एक 22 वर्षीय महिला और उसके तीन वर्षीय बेटे की जलभराव के कारण नाले में गिरने से मौत हो गई. यह घटना खोडा कॉलोनी क्षेत्र के पास हुई, जहां सड़क किनारे नाले का निर्माण कार्य चल रहा था.
स्कूल बंद: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार रात घोषणा की कि शहर के सभी स्कूल गुरुवार को बंद रहेंगे.
बारिश का पूर्वानुमान:
मौसम विभाग ने अगले कुछ घंट़ों में दिल्ली में और बारिश की संभावना जताई है. गुरुवार सुबह 7:15 बजे तक, पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में सलवान स्टेशन पर 147.5 मिमी बारिश दर्ज की गई. नजफगढ़ स्टेशन पर 113 मिमी, लोधी रोड, दिल्ली विश्वविद्यालय और सफदरजंग वेधशालाओं में क्रमशः 107.5 मिमी, 104.5 मिमी और 105.6 मिमी बारिश दर्ज की गई.
हर साल की समस्या क्यों?
पूरा दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव की समस्या हर साल उत्पन्न होती है. इसमें कई वजहें हैं उपस्थित :
पुरानी जल निकासी प्रणाली: दिल्ली की जल निकासी प्रणाली पुरानी हो चुकी है और क्षमता।
अतिक्रमण: नालों और जल निकासी मार्गों पर अतिक्रमण होने के कारण पानी का प्रवाह बाधित होता है।
अपर्याप्त सफाई: नालों और सीवर की नियमित सफाई न होने के कारण पानी का निकास सही से नहीं हो पाता।
शहरीकरण: तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण हरियाली कम हो रही है, जिससे बारिश का पानी जमीन में नहीं जा पाता और सड़क पर जमा हो जाता है।
नागरिकों से अपील:
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे निर्देशों का पालन करें। जलभराव की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
यह समस्या हर साल की है, पर उचित योजना और प्रबंधन से इसे कम किया जा सकता है. इसमें सरकार और नागरिकों को मिलकर इस दिशा में काम करने की जरूरत है।