पंजाब में सोशल मीडिया पर “कमल कौर भाभी” के नाम से मशहूर कंचन कुमारी की हत्या ने राज्यभर में सनसनी फैला दी है। इस सनसनीखेज हत्याकांड की जिम्मेदारी खुद को निहंग बताने वाले अमृतपाल सिंह मेहरों ने एक वीडियो जारी कर ली है। उसने हत्या के पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक कारण बताए हैं।
वीडियो में कबूलनामा
वीडियो में अमृतपाल मेहरों कहता है कि, “खालसा महिलाओं पर हाथ नहीं उठाता, लेकिन जब कोई महिला सिख पंथ और तख्तों पर हमला करती है, तो उसे सजा मिलती है।” उसने आरोप लगाया कि कंचन ने “कौर” नाम का दुरुपयोग कर सिख धर्म का अपमान किया और समाज को भड़काने वाला अश्लील कंटेंट सोशल मीडिया पर फैलाया।
शव कार में मिला, बदबू से हुआ खुलासा
कमल कौर उर्फ कंचन का शव 11 जून की शाम लुधियाना स्थित मेडिकल कॉलेज कैंपस की पार्किंग में एक बंद कार में सड़ा-गला मिला। कार से बदबू आने पर पार्किंग स्टाफ ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने कार खोली तो अंदर कमल कौर का शव पड़ा मिला। पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले तो एक सिख युवक कार पार्क करके भागता नजर आया।
यह फुटेज ही जांच में सबसे अहम सुराग बना।
दो आरोपी गिरफ्तार, मास्टरमाइंड अब भी फरार
बठिंडा पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया है –
- जसप्रीत सिंह मेहरू (मोगा)
- निमनरजीत सिंह (तरनतारन)
दोनों ने पूछताछ में बताया कि हत्या की पूरी योजना अमृतपाल मेहरों ने बनाई थी। फिलहाल अमृतपाल फरार है और उसकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।

हत्या की पूरी कहानी
8 जून को अमृतपाल कंचन के घर गया और बठिंडा में शोरूम प्रमोशन के नाम पर उसे बुलाया।
9 जून को कंचन अपनी मां को बता कर बठिंडा के लिए निकली, लेकिन उसी रात से उसका फोन बंद हो गया।
आरोपियों ने कंचन को बठिंडा बुलाकर यह कहा कि उसकी कार में दिक्कत है और उसे भुच्चो मंडी के एक गैराज ले गए। वहीं पर गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी गई और शव को उसकी ही कार में डालकर आदेश यूनिवर्सिटी की पार्किंग में छोड़ दिया।
आरोपियों ने क्या कहा?
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कंचन कमल कौर के नाम से अश्लील कंटेंट डाल रही थी, जिससे युवाओं पर बुरा असर पड़ रहा था। उन्होंने पहले भी उसे समझाया था, लेकिन जब उसने बात नहीं मानी, तो उसे मारने की साजिश रची गई।
बठिंडा की एसएसपी अमनदीप कौंडल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हत्या एक सुनियोजित साजिश थी। मुख्य आरोपी अमृतपाल को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम सबूतों के आधार पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और किसी को कानून से ऊपर नहीं मानते।”
धार्मिक कट्टरता के नाम पर हत्या?
इस घटना ने धार्मिक असहिष्णुता और सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते खतरे को उजागर कर दिया है। एक ओर सोशल मीडिया पर कंचन के कंटेंट को लेकर कई लोगों में नाराजगी थी, वहीं दूसरी ओर कानून को हाथ में लेकर हत्या करना कहीं से भी जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।
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कमल कौर भाभी हत्याकांड सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि यह समाज को झकझोर देने वाला मामला है – जिसमें धार्मिक पहचान, सोशल मीडिया, और कानून की सीमाओं को पार करते हुए एक महिला की जान ले ली गई। अब सवाल उठता है – क्या सिख धर्म या कोई भी धर्म किसी को हत्या की इजाजत देता है?
अब देखना होगा कि पुलिस इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी अमृतपाल मेहरों को कब तक गिरफ्तार करती है, और अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।