नवरात्रि:- बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने हाल ही में नवरात्रि से पहले एक विवादास्पद बयान दिया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वे नवरात्रि में माता की पूजा करेंगे, लेकिन उनका विरोध उन लोगों से है जो 9 दिन “दुर्गा दुर्गा” करते हैं और 10वें दिन “मुर्गा मुर्गा” करते हैं।
नवरात्रि पर पंडित का बयान
छतरपुर में सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर स्वच्छता अभियान में शामिल होने के दौरान, जब मीडिया ने उनसे नवरात्रि के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा:
“जब तक हम यह प्रण नहीं लेते कि बहू-बेटियों के ऊपर उठने वाली उंगली को तोड़ नहीं देते, तब तक देवी आराधना का कोई औचित्य नहीं है।”
नवरात्रि की पूजा और समाज के प्रति जिम्मेदारी
पंडित शास्त्री ने इस दौरान यह स्पष्ट किया कि वे देवी की पूजा करने में विश्वास रखते हैं, लेकिन समाज में बढ़ती असामान्यताओं और महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि महालक्ष्मी के 30 टुकड़े होने की घटना से हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम समाज में सुधार करेंगे।
हवस के बयान पर प्रतिक्रिया
हाल ही में दिए गए “हवस के पादरी और हवस के मौलाना” वाले बयान पर पंडित शास्त्री ने कहा कि वे किसी धर्म या धार्मिक नेता का अपमान नहीं करना चाहते थे। उनका उद्देश्य केवल सनातन धर्म को जागरूक करना है।
उन्होंने कहा:
“अगर ये बोल दिया है तो लोगों को दिक्कत होने लगी, लेकिन इससे उन्हें बुरा नहीं लगना चाहिए। और लगता है तो लगता रहे, हमें फर्क नहीं पड़ता।”
निष्कर्ष
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के ये बयान न केवल नवरात्रि के धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं, बल्कि समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश भी देते हैं। उनका यह आह्वान निश्चित रूप से एक जागरूकता की ओर इशारा करता है, जिसमें सभी को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझना और निभाना आवश्यक है।
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