पंजाब: राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ (RGNUL) में छात्राओं ने कुलपति जय शंकर सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का दावा है कि कुलपति ने गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर उनकी निजता का हनन किया और उनके कपड़ों पर टिप्पणी की। यह घटना पिछले 6 दिनों से चल रहे प्रदर्शनों का कारण बनी है।
छात्राओं के आरोप
छात्राओं के अनुसार, कुलपति ने महिला छात्रावास का औचक निरीक्षण किया, जिसमें न तो हॉस्टल वार्डन थी और न ही कोई महिला गार्ड। एक छात्रा ने इंडिया टुडे ग्रुप को बताया कि कुलपति ने केवल फर्स्ट ईयर के कमरों में जाने का दावा किया, जबकि उसके पास सबूत हैं कि वे थर्ड ईयर की छात्राओं के कमरों में भी गए थे। उन्होंने कुलपति पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि उनके इस व्यवहार के कारण उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
पंजाब:कुलपति का बयान
कुलपति ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि वे कुछ छात्राओं की शिकायतों को सुनने के लिए हॉस्टल में गए थे, जहां छात्राओं ने उन्हें कमरे की व्यवस्था के बारे में समस्याएं बताई थीं। सिंह ने यह भी दावा किया कि वे महिला वार्डन और गार्ड के साथ हॉस्टल में गए थे और उनके कपड़ों पर कोई टिप्पणी नहीं की गई।
राज्य सरकार का रुख
पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, राज लाली गिल, ने प्रदर्शनकारी छात्राओं से मुलाकात की और उन्हें समर्थन देने का आश्वासन दिया। गिल ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने भी इस मामले पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से रिपोर्ट मांगी है।
संस्थान की स्थिति
प्रदर्शन के कारण विश्वविद्यालय ने अगले आदेश तक संस्थान को बंद रखने का निर्णय लिया है। छात्राएं कुलपति के इस्तीफे की मांग कर रही हैं और उनका कहना है कि वे तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
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यह मामला न केवल RGNUL के छात्र-जीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह विश्वविद्यालय की प्रशासनिक नीतियों और छात्राओं की सुरक्षा पर भी सवाल उठाता है। क्या कुलपति अपने पद पर बने रह पाएंगे, या छात्राओं की मांगें मान ली जाएंगी? यह देखना दिलचस्प होगा।