नई दिल्ली 3 सितंबर 2024 – पंजाब के बठिंडा जिले के छोटे से गांव भूचो कलां की एक साधारण कहानी ने एक असाधारण मुकाम हासिल किया है। यहां के निवासी, जो अपनी छोटी सी दुकान में गांव के लोगों के मोबाइल फोन ठीक करते हैं, की बेटी खुशी ने जेईई परीक्षा में सफलता प्राप्त कर आईआईटी गुवाहाटी में प्रवेश लिया है। यह उपलब्धि न केवल खुशी के लिए बल्कि उसके पूरे परिवार और गांव के लिए गर्व का कारण बनी है।

खुशी का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है। उसने बठिंडा के एक सरकारी स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की और स्थानीय कॉलेज में एडमिशन प्राप्त किया। खुशी की पढ़ाई में रुचि और उसकी मेहनत ने उसे आईआईटी गुवाहाटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान तक पहुंचाया। हालांकि, खुशी ने कभी भी सीधे तौर पर आईआईटी के बारे में सोचा नहीं था। उसकी जानकारी सीमित संसाधनों तक ही सीमित थी, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी।
खुशी के लिए एक बड़ा मोड़ तब आया जब उसने बठिंडा में गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी द्वारा संचालित सुपर 100 प्रोग्राम में चयनित किया। यह प्रोग्राम गरीब परिवारों के 100 छात्रों को टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए होने वाली एंट्रेंस परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान करता है। खुशी ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाया और एक साल का गैप लेकर दिल्ली में 11 महीने की रेजिडेंशियल कोचिंग प्राप्त की।


खुशी ने जेईई मेंस परीक्षा पास की और वर्तमान में आईआईटी गुवाहाटी में सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर रही है। उसने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प से साबित कर दिया है कि साधारण परिस्थितियों में भी असाधारण उपलब्धियाँ हासिल की जा सकती हैं।
खुशी कहती हैं, “जब मैं सरकारी स्कूल में पढ़ रही थी, तब मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे आईआईटी जैसे संस्थान में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। सुपर 100 प्रोग्राम ने मेरी जिंदगी बदल दी और मुझे अपने सपनों को साकार करने का अवसर दिया।”

खुशी अब अपने परिवार की पहली इंजीनियर बनने पर गर्व महसूस करती हैं और उनकी सफलता ने उनके गांव और परिवार के लिए प्रेरणा का काम किया है। इस कहानी ने यह साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प, मेहनत और सही अवसरों का मिलना किसी भी चुनौती को पार कर सकता है।
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