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पूर्व पीएम देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार मामले में उम्रकैद, 3000 अश्लील क्लिप बने सजा की वजह

बेंगलुरु।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और जनता दल सेक्युलर (JDS) नेता प्रज्वल रेवन्ना को शनिवार को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने बलात्कार के मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इस फैसले के साथ ही पीड़िता को हर्जाने के रूप में जुर्माना देने का भी आदेश दिया है।

पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना, जो हासन सीट से लोकसभा सांसद रह चुके हैं, पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने किसी भी तरह की नरमी नहीं दिखाई। कोर्ट का यह फैसला उन तमाम लोगों के लिए भी संदेश है जो सत्ता के दंभ में कानून को हल्के में लेते हैं।

कैसे खुला ये शर्मनाक मामला?

इस पूरे मामले की शुरुआत 24 अप्रैल 2024 को हुई, जब कर्नाटक के हासन स्टेडियम के रनिंग ट्रैक पर सैकड़ों पेन ड्राइव पड़े मिले। इन ड्राइव में करीब 3,000 अश्लील क्लिप थे, जिनमें रेवन्ना की मौजूदगी पाई गई। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में हड़कंप मच गया।

इन वीडियो में कई महिलाओं के साथ जबरन बनाए गए आपत्तिजनक दृश्य थे, जिनमें से कई की पहचान हो चुकी है। जब जांच आगे बढ़ी तो पीड़िताओं में से एक ने सामने आकर रेवन्ना पर बलात्कार का आरोप लगाया और मामला दर्ज कराया गया।

पीड़िता की साड़ी बनी बड़ा सबूत

जांच के दौरान पीड़िता ने बलात्कार के बाद पहनी गई साड़ी को बतौर सबूत प्रस्तुत किया। इस साड़ी को फोरेंसिक जांच में भेजा गया, जहां इस पर रेवन्ना के शुक्राणु की पुष्टि हुई। अदालत ने इस सबूत को महत्वपूर्ण मानते हुए स्वीकार किया।

SIT ने पेश की 2,000 पेज की चार्जशीट

मामले की जांच सीआईडी की विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा इंस्पेक्टर शोभा के नेतृत्व में की गई। जांच टीम ने 123 पुख्ता सबूत, 23 गवाहों के बयान और वीडियो क्लिप्स के साथ करीब 2000 पेज की चार्जशीट अदालत में पेश की।

मामला 31 दिसंबर 2024 को दर्ज किया गया था। इसके बाद 7 महीनों तक चली सुनवाई में पीड़िता के बयान, गवाहों की गवाही और फॉरेंसिक रिपोर्ट को आधार बनाकर अदालत ने रेवन्ना को दोषी करार दिया

कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़ा रेवन्ना

जैसे ही अदालत ने 1 अगस्त को रेवन्ना को दोषी घोषित किया, वह कोर्ट रूम में फूट-फूटकर रोने लगा। लेकिन पीड़िता के वकील अशोक नायक ने कहा कि,

“यह भावुकता अब दिखाने का कोई फायदा नहीं। सबूत और पीड़िता के मजबूत बयान ने सच्चाई सबके सामने ला दी।”

राजनीतिक प्रभाव और परिवार की ताकत भी नहीं आई काम

रेवन्ना का ताल्लुक देश के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवारों में से एक से है। उनके दादा एचडी देवेगौड़ा देश के प्रधानमंत्री, चाचा एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री और पिता राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। बावजूद इसके, न्याय ने अपना काम ईमानदारी से किया और आरोपी को उसकी करतूत की सजा मिली।

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यह फैसला देश की न्याय व्यवस्था में लोगों का विश्वास और मजबूत करता है। यह साफ संदेश देता है कि राजनीतिक रसूख, पारिवारिक हैसियत या धनबल भी न्याय के रास्ते में रुकावट नहीं बन सकता। प्रज्वल रेवन्ना का यह मामला देश की राजनीति के एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा, जहां सत्ता में रहते हुए महिलाओं की गरिमा को तार-तार करने की कोशिश की गई — और न्याय ने जवाब दिया।

अब सवाल है कि क्या ऐसे नेताओं को दलों से बाहर कर राजनीति से स्थायी रूप से निष्कासित किया जाएगा या राजनीतिक दल केवल नाम के लिए कार्रवाई करेंगे?

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