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बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: TMC सांसद अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के संदर्भ में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन को चुनौती दी थी।

SC ने खारिज की अभिषेक और रुजिरा की याचिका

अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ED के समन को चुनौती दी थी। ED ने इन्हें पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले के मामले में बुलाया था। अभिषेक बनर्जी ने तर्क दिया था कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के तहत समन की प्रक्रियाओं को स्पष्ट नहीं किया गया है, और इसलिए उन्हें कोलकाता में ही पेश होना चाहिए था।

हालांकि, न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने उनकी दलील को अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, और अब याचिका खारिज कर दी है।

घोटाले के आरोप

ED के अनुसार, अभिषेक बनर्जी का नाम पिछले साल जून में दायर की गई एक चार्जशीट में शामिल किया गया था। जांच एजेंसी का दावा है कि शिक्षक भर्ती में घूस देने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उसने जो पैसा TMC नेता कुंतल घोष को दिया था, वह सुजय कृष्ण भद्र को दिया गया। सुजय भद्र अभिषेक बनर्जी के अखिल भारतीय तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहने के दौरान उनके वित्तीय मामलों को संभालते थे।

अभिषेक की पत्नी रुजिरा बनर्जी पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। ED का कहना है कि रुजिरा एक निजी कंपनी के डायरेक्टर रही हैं, जिसका कथित रूप से घोटाले के पैसे के लेन-देन में उपयोग किया गया था।

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला क्या है?

साल 2014 में पश्चिम बंगाल स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था। लेकिन भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई। इस प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगे और शिकायतकर्ताओं ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की। आरोप था कि भर्ती प्रक्रिया में धांधली की गई और कुछ लोगों को टीईटी (TET) पास किए बिना भी नौकरी दे दी गई।

मई 2022 में हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया। शिकायतकर्ताओं ने रिश्वत के लिए 5 से 15 लाख रुपये की मांग की बात की थी। इसके बाद ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की और पार्थ चटर्जी तथा उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया।

आगे की कार्रवाई

अभिषेक और रुजिरा बनर्जी अब ED के समन के तहत दिल्ली में पेश होंगे, जैसा कि कोर्ट ने आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई और जांच जारी है, और यह देखना होगा कि यह मामला कितनी दूर तक जाता है।

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Supreme Court की इस फैसले से अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी के लिए राहत की कोई उम्मीद नहीं बची है, और अब उन्हें कानून की प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।

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