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बेलागावी स्कूल जहरकांड: मुस्लिम प्रिंसिपल को हटाने के लिए रची गई साजिश, श्रीराम सेना नेता समेत तीन गिरफ्तार

बेलागावी (कर्नाटक)।
कर्नाटक के बेलागावी जिले के एक सरकारी स्कूल में एक बेहद खौफनाक और शर्मनाक साजिश का खुलासा हुआ है। यहां 14 जुलाई को स्कूल की पानी की टंकी में जानबूझकर ज़हर मिलाया गया, जिससे 12 बच्चे बीमार पड़ गए। शुरुआती जांच में सामने आया कि यह कोई लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी – जिसका मकसद स्कूल के मुस्लिम प्रिंसिपल का ट्रांसफर कराना था।

5वीं के छात्र से डलवाया ज़हर, 12 बच्चे बीमार

घटना बेलागावी जिले के हुलीकट्टी गांव स्थित सरकारी लोअर प्राइमरी स्कूल की है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि स्कूल की पानी की टंकी में ज़हर 5वीं कक्षा के एक छात्र से डलवाया गया था। पूछताछ में छात्र ने बताया कि उसे एक अजनबी ने ज़हरीले पदार्थ की बोतल देकर कहा था कि इसे पानी की टंकी में डाल दो।

इसके बाद जैसे ही छात्रों ने वह पानी पिया, उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। करीब 12 बच्चे बीमार हो गए। हालांकि, समय रहते इलाज होने से उनकी जान बच गई। स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि सभी छात्र अब स्वस्थ हैं।

ब्लैकमेल के जरिए कराई गई साजिश

जांच में पता चला कि उस छात्र को ज़हरीली बोतल देने वाला शख्स था कृष्णा मदार, जिसे साजिशकर्ताओं ने ब्लैकमेल कर अपने इशारे पर काम करवाया। कृष्णा को सागर पाटिल और नागनगौड़ा पाटिल नाम के दो लोगों ने धमकी दी थी कि अगर उसने उनका काम नहीं किया तो उसकी इंटरकास्ट लव स्टोरी को सबके सामने उजागर कर देंगे। डर के कारण कृष्णा ने ज़हर मिलवाने जैसा अमानवीय काम कर दिया।

श्रीराम सेना नेता निकला मास्टरमाइंड

इस खौफनाक साजिश का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि श्रीराम सेना का तालुका अध्यक्ष सागर पाटिल निकला। उसने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि उसे यह बर्दाश्त नहीं था कि किसी मुस्लिम व्यक्ति के हाथ में स्कूल की ज़िम्मेदारी हो। पिछले 13 सालों से स्कूल के प्रिंसिपल सुलेमान गोरी नाईक थे, जिन्हें बदनाम कर ट्रांसफर कराने के लिए यह जहरीली चाल चली गई।

पुलिस ने अब तक सागर पाटिल, नागनगौड़ा पाटिल और कृष्णा मदार – तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। आगे की जांच जारी है।

सीएम सिद्दारमैया ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने इस पूरे मामले को “धार्मिक नफरत से प्रेरित कायराना हरकत” बताया। उन्होंने कहा –

“यह हमारे समाज की सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली नफरतभरी और घिनौनी साजिश है। गनीमत रही कि बच्चों की जान बच गई। लेकिन यह घटना दिखाती है कि धार्मिक कट्टरता कैसे निर्दोष बच्चों की जान खतरे में डाल सकती है।”

सिद्दारमैया ने बीजेपी पर भी हमला बोला, कहा कि “भाजपा और उसके सहयोगी संगठन समाज में धर्म के नाम पर ज़हर घोल रहे हैं और राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।”

नफरत रोकने के लिए STF का गठन

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने सांप्रदायिक घटनाओं और नफरत फैलाने वाले भाषणों पर लगाम लगाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (STF) गठित की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी भी षड्यंत्र को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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यह मामला न केवल सांप्रदायिक सोच की भयावहता को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि राजनीतिक और धार्मिक नफरत किस हद तक समाज को जहरीला बना सकती है। बच्चों की ज़िंदगी से खेलने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि स्कूल जैसी सुरक्षित जगह पर फिर कोई ऐसी साजिश न रची जा सके।

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