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बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे कुणाल कामरा; एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी को लेकर दर्ज FIR को दी चुनौती

मुंबई स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान पर दर्ज एफआईआर को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी है। कामरा ने अपनी याचिका में इस एफआईआर को ‘दुर्भावनापूर्ण’ बताते हुए इसकी वैधता, शुद्धता और औचित्य पर सवाल उठाए हैं।

याचिका में कहा गया है कि कामरा को अपनी जान का खतरा है, फिर भी पुलिस ने उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पूछताछ में शामिल होने की अनुमति नहीं दी। इसके बजाय, उन्हें शारीरिक रूप से पेश होने का आदेश दिया गया, जिसे ‘अनुचित और असंवेदनशील’ बताया गया है।

क्या है पूरा मामला?

23 मार्च को कुणाल कामरा ने अपने यूट्यूब चैनल पर ‘नया भारत’ नाम से एक वीडियो साझा किया था, जिसमें उन्होंने एकनाथ शिंदे को कथित तौर पर “ग़द्दार” कहा था। इसके बाद शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने 24 मार्च को खार पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

कामरा पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1)(बी), 353(2) और 356(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इन धाराओं में सार्वजनिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाले बयान और मानहानि जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

मुंबई पुलिस ने कामरा को 5 अप्रैल को पूछताछ के लिए समन भेजा था। इससे पहले भी उन्हें दो बार समन भेजा जा चुका था, लेकिन उन्होंने दोनों बार व्यक्तिगत रूप से पेश होने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मांग की, जिसे पुलिस ने खारिज कर दिया।

कामरा ने अब 7 अप्रैल को वकील मीनाज़ काकालिया के माध्यम से बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की। यह मामला जस्टिस सारंग वी. कोतवाल और जस्टिस एस. एम. मोदक की पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा ताकि जल्द सुनवाई की तारीख तय की जा सके।

मद्रास हाई कोर्ट से मिली थी राहत

इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने कामरा को 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी। उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि वे तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं और महाराष्ट्र जाने पर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने अपनी शारीरिक सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई थी।

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कामरा की याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि एफआईआर दर्ज कराने वाले विधायक मुरजी पटेल के खिलाफ जाति प्रमाण पत्र में हेराफेरी सहित धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। उन्होंने इस एफआईआर को एक राजनीतिक साजिश बताते हुए खारिज करने की मांग की है।

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