मणिपुर:— मणिपुर में 7 सितंबर को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। जिरीबाम जिले में शनिवार की सुबह हुई इस हिंसा ने इलाके को एक बार फिर अशांति में डाल दिया है।
पुलिस के अनुसार, सुबह के समय एक व्यक्ति की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना जिरीबाम के जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर एक सुनसान इलाके में हुई। मृतक व्यक्ति के घर में उग्रवादियों ने घुसकर उसकी हत्या की। हत्या के बाद, जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर पहाड़ियों में दो विरोधी समुदायों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें चार हथियारबंद लोग मारे गए। पुलिस के अनुसार, मारे गए लोगों में तीन पहाड़ी उग्रवादी भी शामिल हैं।
बिष्णुपुर में रॉकेट हमला
इस घटना के एक दिन पहले, 6 सितंबर को बिष्णुपुर जिले के एक गांव पर संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा रॉकेट दागे गए थे। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य लोग घायल हो गए। हमले की चपेट में दो इमारतें भी आ गईं। यह हमला सुबह करीब साढ़े चार बजे हुआ।

मणिपुर में हाल की हिंसा
हाल के दिनों में मणिपुर में हिंसा की नई लहर देखी जा रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में, इंफाल पश्चिम के गांवों पर ड्रोन का उपयोग करके देसी बम गिराए गए थे, जिसमें दो लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस हिंसा की निंदा करते हुए इसे “आतंकवादी कृत्य” करार दिया। उन्होंने कहा, “मणिपुर राज्य सरकार इस तरह के अकारण हमलों को अत्यंत गंभीरता से लेती है और अपने नागरिकों पर इस तरह के उग्रवाद से लड़ने के लिए आवश्यक प्रतिक्रिया देगी।”
सार्वजनिक आपातकाल और शैक्षणिक संस्थानों की बंदी
इन हालिया घटनाओं के मद्देनजर, मणिपुर शिक्षा विभाग ने 7 सितंबर को राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त, घाटी स्थित नागरिक समाज संगठन कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने भी अनिश्चितकालीन “सार्वजनिक आपातकाल” की घोषणा की है। कमेटी ने उग्रवादियों के लगातार हमलों का हवाला देते हुए लोगों से घर के अंदर रहने की अपील की है।
COCOMI के प्रवक्ता ने कहा, “यह आपातकाल उन लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है जिनकी जान लगातार हो रहे हमलों के कारण खतरे में है। मणिपुर में हालात सुधरने तक आपातकाल लागू रहेगा।”
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मणिपुर में बढ़ती हिंसा और अशांति के बीच, राज्य सरकार और सुरक्षा बलों को अब इन उग्रवादी हमलों को नियंत्रित करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।