भारत द्वारा मंगलवार तड़के अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार पर सीधा प्रहार हुआ है। खुफिया सूत्रों और पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ऑपरेशन में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए हैं। यह हमला पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश के मुख्य ठिकाने पर हुआ।
भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना द्वारा मिलकर चलाए गए इस सटीक ऑपरेशन ने आतंक के उस गढ़ को ध्वस्त कर दिया, जहां मसूद अजहर का परिवार और संगठन के कई शीर्ष सदस्य मौजूद थे। इस हमले को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध बताया है, जिसमें 28 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
रऊफ अजहर भी मारा गया
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए लोगों में मसूद अजहर का भाई रऊफ अजहर भी शामिल है। रऊफ जैश-ए-मोहम्मद के संचालन में अहम भूमिका निभाता था और भारत में कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था। उसकी मौत को सुरक्षा विशेषज्ञ आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी मान रहे हैं।

‘अच्छा होता मैं भी मारा जाता’: मसूद अजहर
परिवार की मौत के बाद एक बयान में मसूद अजहर ने कहा, “अच्छा होता कि इस हमले में मैं भी मारा जाता।” उसके हवाले से जारी बयान में बताया गया कि, “मौलाना कशफ का पूरा परिवार, मेरी बड़ी बहन, भाई रऊफ के पोते-पोतियां, बाजी सादिया के पति और मेरी सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे या तो मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हैं।”
मानव ढाल का इस्तेमाल?
भारतीय खुफिया सूत्रों का कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद के कई शीर्ष नेता अपने परिवारों को आतंकी ठिकानों में ही रखते थे ताकि किसी भी सैन्य कार्रवाई की स्थिति में मानवीय ढाल का इस्तेमाल किया जा सके। भारत ने सटीक सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया, लेकिन इसमें मौजूद उनके परिवारजन भी हताहत हुए।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और पाकिस्तान की स्थिति
जहां भारत ने ऑपरेशन को “संयमित, सटीक और आतंक विरोधी” बताया है, वहीं पाकिस्तान सरकार अब तक इस मामले पर आधिकारिक रूप से बंटी हुई नजर आ रही है। पाक सेना ने इसे “युद्ध जैसी कार्रवाई” बताया है, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की एयरस्ट्राइक में पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकाने तबाह
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत के लिए न केवल एक सामरिक सफलता है, बल्कि यह भावनात्मक और सांस्कृतिक जवाब भी है। पहलगाम में उजड़े सिंदूर का जवाब आतंक के गढ़ में दिया गया — वह भी ऐसे तरीके से, जिसने जैश-ए-मोहम्मद की रीढ़ तोड़ दी। मसूद अजहर के परिवार का खात्मा इस बात का संकेत है कि भारत अब शब्दों से नहीं, कार्रवाई से जवाब देगा।