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माउंट आबू के जैन मंदिर में लड़की के पैरों की चोरी-छुपे तस्वीर खींची, बुजुर्ग की हरकत पर भड़के लोग

राजस्थान के माउंट आबू स्थित विश्वप्रसिद्ध दिलवाड़ा जैन मंदिर में एक शर्मनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने समाज की संवेदनशीलता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंदिर में दर्शन के लिए आई एक युवती के पैरों की चोरी-छुपे फोटो खींचने की कोशिश की गई, वो भी एक बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा। यह घटना दिन दहाड़े हुई, लेकिन वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति ने युवती का समर्थन नहीं किया, जिसने पूरे इंटरनेट पर गुस्से की लहर दौड़ा दी।

क्या हुआ घटना के दिन?

वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक, एक बुजुर्ग व्यक्ति मंदिर परिसर के बाहर बैठे हुए लड़की के पैरों की तस्वीर चुपचाप अपने फोन में कैद कर रहा था। युवती को जब इस हरकत पर संदेह हुआ, तो उसने तत्काल बुजुर्ग से उसका फोन चेक करने की मांग की। जैसे ही उसने फोन की गैलरी खोली, तो वह दंग रह गई—फोन में उसके नंगे पैरों की तस्वीरें मौजूद थीं।

लड़की का फूटा गुस्सा

फोन में तस्वीरें देखकर लड़की गुस्से से तमतमा उठी और बुजुर्ग को फटकारते हुए बोली, “अंकल ये क्या है? क्या कर रहे हो आप? मेरे पैरों की तस्वीर क्यों ले रहे हो? शर्म नहीं आती?” लड़की की बहादुरी की तारीफ हो रही है क्योंकि उसने बुजुर्ग की इस हरकत को वीडियो में रिकॉर्ड कर लिया, ताकि वह बच न सके।

भीड़ की चुप्पी पर उठे सवाल

इससे भी अधिक चिंताजनक पहलू यह है कि वहां मौजूद किसी ने भी लड़की की मदद नहीं की। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बाकी लोग कान बंद कर, सिर झुकाए बैठे हैं, जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं चला हो। यह रवैया समाज की संवेदनशीलता पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।

सोशल मीडिया पर उबाल

इस वीडियो को @anurag111407 नामक इंस्टाग्राम यूजर ने पोस्ट किया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है। यूजर्स न सिर्फ बुजुर्ग व्यक्ति की निंदा कर रहे हैं, बल्कि राजस्थान पुलिस और पर्यटन विभाग से तुरंत कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं। कई लोगों ने इसे “छोटे कपड़े नहीं, छोटी सोच की समस्या” करार दिया है।

कार्रवाई की मांग

नेटिज़न्स का कहना है कि ऐसी हरकतों पर यदि कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो पर्यटन स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा हमेशा खतरे में रहेगी। कई यूजर्स ने लिखा कि मंदिर जैसी पवित्र जगह पर ऐसी मानसिकता रखने वालों के खिलाफ उदाहरणात्मक दंड जरूरी है।

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दिलवाड़ा जैसे शांतिपूर्ण और ऐतिहासिक मंदिर में ऐसी घटना न सिर्फ महिला सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज को अब केवल वीडियो रिकॉर्ड करने से आगे जाकर एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी। ताकि ऐसे लोग समाज में बेखौफ घूम न सकें।

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