भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर समझौते के बाद जहां एक ओर सीमा पर तनाव बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर एक बड़ा बयान जारी कर दिया है। ट्रंप ने न केवल युद्धविराम का स्वागत किया, बल्कि कश्मीर मसले को हल करने में मदद करने की इच्छा भी जताई है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा,
“मुझे भारत और पाकिस्तान के मजबूत और अडिग नेतृत्व पर गर्व है। अगर तनाव नहीं रोका जाता, तो लाखों निर्दोष लोग मारे जा सकते थे। इस बहादुरी से इन नेताओं की विरासत और सम्मान बढ़ गया है।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका इस ऐतिहासिक फैसले में मददगार रहा है, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी किसी औपचारिक बातचीत की शुरुआत नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि वह दोनों देशों के साथ व्यापार को विस्तार देने की योजना बना रहे हैं और देखना चाहते हैं कि क्या “हजार साल” पुराने कश्मीर मसले का कोई समाधान निकाला जा सकता है।
‘भारत और पाकिस्तान को भगवान आशीर्वाद दे’: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में लिखा,
“भगवान इस अच्छे काम के लिए भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को आशीर्वाद दें! मैं दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने को उत्साहित हूं।”
सीजफायर के कुछ घंटे बाद ही उल्लंघन, भारत ने दी सख्त प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौता हुआ था, जिसकी घोषणा सबसे पहले ट्रंप ने की थी। हालांकि, कुछ ही घंटों में पाकिस्तान की ओर से कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया। जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों से फायरिंग और ड्रोन गतिविधियों की खबरें आईं।
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान की ओर से सीजफायर तोड़ा गया है और भारत की सेना को जवाबी कार्रवाई की पूरी छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि सेना सीमावर्ती क्षेत्रों में पूरी तरह सतर्क है।

घुसपैठ की कोशिश, एक जवान घायल
जम्मू के नगरोटा इलाके में संदिग्ध घुसपैठ की भी सूचना मिली है। सेना की ओर से जारी बयान के अनुसार, फायरिंग की घटना में एक जवान मामूली रूप से घायल हुआ। इलाके में देर रात तक तलाशी अभियान चलाया गया।
क्या ट्रंप बनेंगे मध्यस्थ?
ट्रंप का बयान ऐसे समय आया है जब भारत हमेशा से यह स्पष्ट करता रहा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, ट्रंप की यह टिप्पणी कूटनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।
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अब देखना यह होगा कि ट्रंप की इस पेशकश पर भारत और पाकिस्तान की सरकारें क्या रुख अपनाती हैं। फिलहाल, सीमा पर सतर्कता बनी हुई है और दोनों देशों के बीच हालात अस्थिर हैं।