रामपुर नैकिन — रामपुर नैकिन कधंवार संकुल के अंतर्गत गोपालपुर माध्यमिक शाला की स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। स्कूल में आधिकारिक तौर पर 6 से 7 शिक्षक नियुक्त हैं, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, इनमें से अधिकांश शिक्षक केवल प्रमुख त्योहारों जैसे दिवाली और दशहरा पर ही स्कूल आते हैं। इस स्थिति से स्कूल के शैक्षिक माहौल पर गहरा असर पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि स्कूल के हेड मास्टर भी कभी-कभार ही आते हैं, जबकि बीआरसी, बीईओ और जन शिक्षक का आना महज खानापूर्ति जैसा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्कूल के फंड में पिछले एक साल में कई लाख रुपये आए थे, लेकिन मरम्मत के नाम पर बिल्डिंग की हालत वैसी की वैसी बनी रही। अब तो स्कूल की इमारत और किचन सेट दोनों ही जर्जर हो चुके हैं।
रामपुर नैकिन:- अध्यक्ष सचिव की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर जब अध्यक्ष सचिव से बात की गई, तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि उन्होंने हेड मास्टर, बीआरसी और बीईओ को कई बार इस बारे में सूचित किया है, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि बच्चों की स्थिति इतनी दयनीय है कि आठवीं कक्षा के छात्र अभी तक अक्षर ज्ञान भी नहीं जानते।

संकुल प्राचार्य की प्रतिक्रिया
इस मामले में संकुल प्राचार्य से फोन के माध्यम से संपर्क किया गया। उन्होंने कहा, “मुझे इस मामले की जानकारी नहीं थी। आप द्वारा बताई गई जानकारी के आधार पर मैं जल्द से जल्द एक्शन लूंगा और नोटिस जारी करूंगा।”
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निष्कर्ष
गोपालपुर माध्यमिक शाला की स्थिति और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठते हैं। शिक्षा और संसाधनों की कमी से प्रभावित छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है। अब देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे पर किस प्रकार की कार्रवाई करता है और स्कूल की स्थिति में सुधार होता है या नहीं।