महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नागपुर दौरे ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की रैली में जो ‘भारत का संविधान’ बांटा गया, वह असल में एक खाली नोटपैड था। इस पर कांग्रेस ने जवाब दिया और इसे भाजपा का ‘फेक नैरेटिव’ करार दिया।
भाजपा का आरोप: ‘नकली संविधान’ का वितरण
राहुल गांधी 5 नवंबर को नागपुर में सुरेश भर सभागृह में आयोजित एक संविधान सम्मेलन में शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में भाजपा ने आरोप लगाया कि आयोजकों ने उपस्थित लोगों को संविधान की किताब बांटी, जो दरअसल एक नोटपैड था। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें दिखाया गया कि किताब का आवरण ‘The Constitution of India’ लिखा हुआ था, लेकिन अंदर के पन्ने खाली थे। पूनावाला ने आरोप लगाया, “राहुल गांधी की बैठक में संविधान की ये प्रति बांटी गई, ये कांग्रेस की गारंटी की तरह ही कोरी निकली। यह कांग्रेस द्वारा संविधान और बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान है।”
वीडियो में दिखाया गया था कि पन्ने खाली होने के कारण यह भ्रम उत्पन्न हुआ कि यह असल संविधान की प्रति नहीं, बल्कि एक सामान्य नोटपैड था। भाजपा ने इसे भारतीय संविधान का मजाक उड़ाने के रूप में पेश किया।
कांग्रेस का सफाई: भाजपा का फर्जी प्रचार
कांग्रेस ने इस आरोप का तुरंत जवाब दिया। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि भाजपा जानबूझकर राहुल गांधी के नागपुर दौरे को लेकर फर्जी विवाद पैदा कर रही है। वडेट्टीवार ने कहा कि संविधान सम्मेलन में उपस्थित लोगों को नोटपैड और कलम दिए गए थे, जिन्हें भाजपा ने गलत तरीके से पेश किया है।
वडेट्टीवार ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “फेक नैरेटिव बनाने वालो डरो मत… संविधान और राहुल गांधी समय-समय पर तुम्हारे झूठ का पर्दाफाश करेंगे! ये तो बस शुरुआत है…”
वह मानते हैं कि भाजपा जानबूझकर मुद्दे को बढ़ा रही है और इसमें कोई तर्क नहीं है। उनका कहना था कि कांग्रेस ने संविधान के प्रति सम्मान हमेशा दिखाया है, और यह कोई साजिश नहीं थी।
भाजपा का पलटवार: संविधान का अपमान
कांग्रेस की सफाई के बाद, भाजपा ने एक बार फिर हमला किया। महाराष्ट्र भाजपा ने कहा कि संविधान के आवरण को नोटपैड के रूप में इस्तेमाल करना डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान का अपमान है। भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा, “संविधान को नोटपैड की तरह इस्तेमाल करते हुए क्या आपने अपनी बुद्धि गिरवी रख दी थी? केवल आवरण दिखाना और जनता को भ्रमित करना आपकी नकली कहानी का हिस्सा है।”
भा.ज.पा. ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने पहले भी संविधान का अपमान किया है, और अब इसे नोटपैड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि महाराष्ट्र की जनता 20 नवंबर को मतदान के दौरान इसका जवाब देगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: मतदान 20 नवंबर को
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और चुनावी माहौल में इस तरह के विवादों का राजनीतिक महत्व और बढ़ जाता है। भाजपा इस मुद्दे को अपने पक्ष में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे भाजपा द्वारा बनाई गई गलत कहानी मान रही है।
‘लाल किताब’ का सच क्या है?
इस विवाद में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस किताब को लेकर भाजपा आरोप लगा रही है, वह वास्तव में एक सामान्य नोटपैड था, जिसका उपयोग सम्मेलन में भाग लेने वाले लोगों के लिए किया गया था। कांग्रेस ने इसे संविधान के प्रति सम्मान दिखाने के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि भाजपा इसे ‘नकली संविधान’ करार दे रही है।
विजय वडेट्टीवार ने इसे गलत तरीके से पेश किया गया मुद्दा बताया, जबकि भाजपा इसे संविधान का अपमान मान रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की जनता इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया देती है और इसका चुनावी परिणाम पर क्या असर पड़ता है।
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निष्कर्ष
राहुल गांधी की रैली में संविधान के नाम पर बांटी गई किताब को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। भाजपा इसे संविधान का अपमान मान रही है, जबकि कांग्रेस इसे भाजपा द्वारा बनाई गई एक फर्जी कहानी मान रही है। चुनावों के इस नाजुक दौर में इस तरह के विवाद निश्चित रूप से राजनीतिक माहौल को प्रभावित करेंगे।