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रॉबर्ट वाड्रा को दूसरा समन, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के ठिकानों पर छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा को शिकोहपुर भूमि सौदा मामले में दूसरा समन भेजा है। वहीं, राजस्थान में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के ठिकानों पर पीएसीएल घोटाले को लेकर छापेमारी की गई है।

रॉबर्ट वाड्रा को दोबारा समन

शिकोहपुर लैंड डील केस में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर आरोप है कि उसने फरवरी 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी, और कमर्शियल लाइसेंस मिलने के बाद इसे डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया

ईडी को शक है कि इस लेन-देन में मनी लॉन्ड्रिंग की गई। इससे पहले भी 8 अप्रैल को वाड्रा को समन भेजा गया था, लेकिन वे ईडी के सामने पेश नहीं हुए। अब दूसरी बार समन भेजकर उन्हें जांच में शामिल होने को कहा गया है।

प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ भी कार्रवाई

राजस्थान के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के परिसरों पर भी ईडी ने मंगलवार को छापेमारी की। यह कार्रवाई पीएसीएल चिटफंड घोटाले के संदर्भ में हुई है, जिसमें खाचरियावास की अप्रत्यक्ष भूमिका और लाभ की जांच की जा रही है।

इंडिया टुडे ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, पीएसीएल ने रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर देशभर में करोड़ों लोगों से पैसे लिए और बाद में वापस नहीं लौटाए। अकेले राजस्थान में 28 लाख निवेशकों से 2,850 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे। देशभर में यह आंकड़ा 49,100 करोड़ रुपये तक पहुंचा।

2014 में सेबी ने पीएसीएल की स्कीम को अवैध करार देते हुए कंपनी का कारोबार बंद करवा दिया था। 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने CJI (रिटायर्ड) आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की, जिसने कंपनी की संपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों को पैसा लौटाने का आदेश दिया।

सेबी के अनुसार, पीएसीएल की संपत्तियां 1.86 लाख करोड़ रुपये की हैं, जो निवेश की गई रकम से चार गुना ज्यादा हैं। अब ईडी यह जांच कर रही है कि राजस्थान में इस घोटाले से किन-किन लोगों को लाभ पहुंचा।

प्रताप सिंह की प्रतिक्रिया

इस कार्रवाई पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा,

“मेरे पास कोई नोटिस नहीं आया। अचानक रेड कर दी गई। जब राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, तो मैं तो केवल एक कार्यकर्ता हूं।”

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