सीधी, मध्य प्रदेश:— ललितपुर-सीधी-सिंगरौली रेलवे परियोजना से प्रभावित भूमिहीन परिवारों, विस्थापितों और बेरोजगार युवाओं द्वारा वीथिका भवन में जारी अनिश्चितकालीन आमरण अनशन आज 17वें दिन में प्रवेश कर गया है। यह अनशन जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के ठीक सामने आयोजित किया गया है और प्रभावित लोगों ने मुआवजा राशि और रोजगार की मांग की है।
इस अनशन को शिवसेना द्वारा समर्थन प्राप्त है, और प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, जो इस अनशन के प्रमुख हैं, ने जानकारी दी कि रेलवे द्वारा उन्हें मुआवजा और नौकरी देने के वादे पूरे नहीं किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे द्वारा जमीन अधिग्रहण के समय प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा और रोजगार देने की बात की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
ललितपुर-सीधी-सिंगरौली
विश्वकर्मा ने कहा, “हमारे साथ धोखा हुआ है। 17 दिन से अनशन चल रहा है, लेकिन न तो कोई अधिकारी हमारी समस्याओं को सुनने आया है और न ही किसी प्रकार की हलचल दिखाई दे रही है। हमें मुआवजा और रोजगार का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।”

इस मुद्दे पर प्रशासन की चुप्पी ने अनशनकारियों को और भी हताश किया है। प्रदीप कुमार विश्वकर्मा ने सवाल उठाया कि आखिरकार जिला कलेक्ट्रेट के पास अनशन कर रहे लोगों से मिलने कोई सरकारी प्रतिनिधि क्यों नहीं आया। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि प्रशासन की ओर से अनशनकारियों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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अब देखना यह है कि इस लंबे समय से चल रहे अनिश्चितकालीन आमरण अनशन के बाद क्या प्रशासन या किसी अधिकारी द्वारा कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। प्रभावित लोग और उनके समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाएगा, अन्यथा इस स्थिति की ओर ध्यान न देने से और भी गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।