नई दिल्ली।
भारत में सोने की तस्करी का तरीका अब बदल चुका है। पहले लोग अपने शरीर या बैग में सोना छिपाकर लाते थे, लेकिन अब एक नया रास्ता अपनाया जा रहा है — लिक्विड गोल्ड यानी तरल सोने के रूप में सोना देश में लाया जा रहा है। इस तरीके से कोई कस्टम ड्यूटी नहीं देनी पड़ती, जिससे सरकार को भारी टैक्स नुकसान हो रहा है।
क्या है लिक्विड गोल्ड?
लिक्विड गोल्ड असल में गोल्ड कंपाउंड होता है। यह एक तरह का रसायन है जिसमें सोने के साथ अन्य धातुएं मिलाई जाती हैं। इसे उद्योगों में उपयोग के लिए लाया जाता है। लेकिन अब इसे शुद्ध सोना निकालने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
यूएई, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से यह कंपाउंड बिना टैक्स के आयात किया जा रहा है क्योंकि इस पर 0% कस्टम ड्यूटी लगती है।
आयात में बड़ा उछा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में लिक्विड गोल्ड का आयात 1,27,886 किलोग्राम हुआ। यह 2023-24 में 23,991 किलो और 2022-23 में 6,395 किलो था।


📌 सिर्फ जनवरी से मार्च 2025 के बीच में ही 69,879 किलो लिक्विड गोल्ड आयात हुआ — जो पिछले साल की तुलना में 9 गुना ज़्यादा है।
किस देश से कितना सोना आया?
देश | 2023-24 (किलो) | 2024-25 (किलो) |
---|---|---|
यूएई | 5,162 | 53,481 |
जापान | 14,974 | 49,022 |
ऑस्ट्रेलिया | 668 | 9,353 |
इन तीन देशों से ही सबसे ज्यादा गोल्ड कंपाउंड भारत आया है।
सरकार को कैसे हो रहा नुकसान?
जानकारों के अनुसार, लिक्विड गोल्ड से 15% शुद्ध सोना निकाला जा सकता है। यानी इस साल लाए गए 1.11 लाख किलो कंपाउंड से लगभग 16,778 किलो शुद्ध सोना निकला।
अगर इस पर सरकार को 6% टैक्स मिलता, तो करीब 900 करोड़ रुपये का राजस्व आता। लेकिन टैक्स न लगने से ये पैसा सरकार को नहीं मिला।
जहां लिक्विड गोल्ड का आयात तेजी से बढ़ रहा है, वहीं पारंपरिक सोने का आयात घट गया है। 2024-25 में यह 51% घटकर सिर्फ 9.5 अरब डॉलर रह गया।
इससे साफ है कि व्यापारी अब लिक्विड गोल्ड का रास्ता ज्यादा अपना रहे हैं क्योंकि इसमें टैक्स नहीं देना पड़ता।
जानकारों की चेतावनी
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा,
“लिक्विड गोल्ड लाना भले ही कानूनी हो, लेकिन इससे टैक्स चोरी हो रही है। इससे बाज़ार में भी गड़बड़ी हो रही है।”
क्यों चिंता की बात है?
- यह तरीका टैक्स चोरी का नया तरीका बनता जा रहा है
- सरकार को भारी नुकसान हो रहा है
- बाजार में पारदर्शिता घट रही है
- ईमानदार व्यापारियों को नुकसान हो सकता है
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लिक्विड गोल्ड के ज़रिए कानून की एक तकनीकी छूट का गलत फायदा उठाया जा रहा है। सरकार को इस loophole को बंद करने की जरूरत है ताकि टैक्स चोरी रुके और बाजार में संतुलन बना रहे।