श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को वक्फ कानून को लेकर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। जैसे ही सत्र शुरू हुआ, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों ने वक्फ कानून पर चर्चा की मांग की। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद एनसी विधायक वेल की ओर बढ़ने लगे, लेकिन मार्शलों ने उन्हें रोक लिया।
कानून की प्रतियां फाड़ी, काली पट्टी और नारेबाजी
सदन में माहौल तब और गर्मा गया जब एनसी के विधायक हिलाल लोन और सलमान सागर ने वक्फ कानून की प्रतियां फाड़ दीं। एनसी, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों ने काली पट्टी बांधकर और नारे लगाकर विरोध दर्ज कराया। इसके चलते स्पीकर को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

कांग्रेस विधायक इरफान हफीज लोन ने कहा कि यह कानून संविधान, संघवाद और धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में संख्या मायने नहीं रखती। हमें भरोसे में लिया जाना चाहिए था और हमारी भावनाओं का सम्मान होना चाहिए था।”
एनसी का रुख: लोकतांत्रिक अधिकार की बात
एनसी विधायकों ने कहा कि यह मुद्दा उठाना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। “जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है और वक्फ जैसे विषयों पर बहस होना जरूरी है,” उन्होंने कहा। स्थगन प्रस्ताव पर 10-11 विधायकों के हस्ताक्षर हैं और वे उम्मीद कर रहे हैं कि स्पीकर उन्हें इस मुद्दे पर बहस का समय देंगे।
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इस घटनाक्रम ने विधानसभा की कार्यवाही को बाधित कर दिया और यह स्पष्ट कर दिया कि वक्फ कानून को लेकर विपक्ष में गहरी असहमति है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।