सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पत्र तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक चपरासी ने जिला कलेक्टर को घूस के मुद्दे पर चौंकाने वाली मांग की है। यह पत्र उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का है, जहां प्राइवेट चपरासी राजाराम यादव ने नायब तहसीलदार के नाम एक पत्र लिखा है। पत्र में यादव ने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि उनकी घूस की राशि ₹500 से बढ़ाकर ₹1000 कर दी जाए।
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पत्र में राजाराम यादव ने स्वीकार किया है कि घूस की व्यवस्था लंबे समय से चल रही है, और इसका कभी भी समाप्त नहीं किया गया। उनका कहना है कि सरकार चाहे कितनी भी नीतियां बना ले, सरकारी कर्मचारी घूस लेने से बाज नहीं आते। यादव ने यह भी बताया कि वह वकीलों के माध्यम से जनता से पैसा वसूलते हैं और कभी-कभी तो मारपीट की स्थिति भी बनती है। इसके बावजूद, उन्हें नायब तहसीलदार द्वारा पुराने ₹500 की राशि ही मिलती है, जबकि उनकी मांग है कि यह राशि बढ़ाकर ₹1000 की जाए।
इस पत्र के वायरल होते ही उत्तर प्रदेश के जिला कलेक्टर ने एसडीएम को जांच टीम गठित करने के आदेश दे दिए हैं। कलेक्टर ने मामले की तुरंत जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। अब यह देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्यवाही होती है और क्या घूस की यह व्यवस्था बंद होती है या फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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सोशल मीडिया पर इस पत्र के वायरल होने से पूरे प्रशासनिक तंत्र में हलचल मची हुई है, और लोगों की निगाहें अब इस पर हैं कि क्या इस पर गंभीर कार्रवाई की जाएगी या फिर यह सिर्फ एक और मामला बनकर रह जाएगा।